Shimla News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अगुवाई में मुख्यमंत्री पर्यटन स्टार्ट-अप योजना को मंजूरी दी गई है। इसका लक्ष्य नई पर्यटन इकाइयाँ स्थापित करना और मौजूदा होम-स्टे इकाइयों का विस्तार करना है।
इस योजना के तहत स्थानीय निवासियों को ऋण पर ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। शहरी क्षेत्रों में तीन प्रतिशत की दर से ब्याज उपदान मिलेगा। ग्रामीण इलाकों के लिए यह सब्सिडी चार प्रतिशत तय की गई है। जनजातीय क्षेत्रों में लाभार्थियों को पाँच प्रतिशत तक की ब्याज सहायता मिलेगी।
यह सुविधा अधिकतम तीन वर्षों की अवधि के लिए प्राप्त होगी। ऋण की अधिकतम सीमा दो करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। इस कदम से स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के नए अवसर मिलने की उम्मीद है। साथ ही पर्यटन ढाँचे को मजबूत करने में भी मदद मिलेगी।
होम-स्टे इकाइयाँ पर्यटकों के लिए किफायती विकल्प बनकर उभरी हैं। ये इकाइयाँ महँगे होटलों का एक बेहतर विकल्प प्रदान करती हैं। इससे पर्यटक ग्रामीण क्षेत्रों की ओर अधिक आकर्षित होते हैं। साथ ही वे अधिक समय तक इन स्थानों पर ठहरते हैं।
स्थानीय लोगों को इन होम-स्टे इकाइयों से आय का सीधा स्रोत मिलता है। इससे गाँवों की सांस्कृतिक विरासत, पारंपरिक व्यंजन और रीति-रिवाजों को भी बढ़ावा मिलता है। यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को सीधे तौर पर मजबूती प्रदान करता है।
बजट यात्री, बैकपैकर्स और छात्र समूह होम-स्टे को पसंद करते हैं। यह उनके लिए सुविधाजनक और सस्ता विकल्प होता है। नई योजना से होम-स्टे उद्योग को एक औपचारिक ढाँचा मिलेगा। सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और मानकीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
हिमाचल प्रदेश अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए दुनिया भर में मशहूर है। स्वच्छ हवा, नदियाँ, जंगल और पवित्र स्थल पर्यटकों को लुभाते हैं। राज्य की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान है। हाल के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार इसका सकल घरेलू उत्पाद में 7.78 प्रतिशत हिस्सा है।
यह योजना राज्य के पर्यटन परिदृश्य को बदलने का संभावना रखती है। इससे न केवल रोजगार सृजन होगा बल्कि स्थानीय उद्यमिता को भी बल मिलेगा। सरकार का फोकस पर्यटन क्षेत्र को और अधिक समावेशी और लाभदायक बनाने पर है।
