Himachal News: धर्मशाला के ठठारना टॉप ट्रैकिंग रूट पर तीन युवक रास्ता भटक गए। पुलिस और एसडीआरएफ की संयुक्त टीम ने रातभर चले सर्च ऑपरेशन के बाद उन्हें सुरक्षित बचाया। यह रेस्क्यू ऑपरेशन रविवार सुबह पूरा हुआ। तीनों युवकों को सुरक्षित धर्मशाला लाया गया।
शनिवार शाम आठ बजे युवकों के एक दोस्त ने हेल्पलाइन पर मदद मांगी। उसने बताया कि तीन साथी ट्रैकिंग के दौरान लापता हो गए हैं। बाकी के साथी वापस लौट आए थे। इस सूचना के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ।
एसडीआरएफ और पुलिस की टीम ने शनिवार रात साढ़े आठ बजे ऑपरेशन शुरू किया। टीम ने ठठारना इलाके में रातभर खोजबीन जारी रखी। अंधेरे और ऊबड़-खाबड़ रास्तों में खोज जारी रही। आखिरकार टीम को युवक मिल गए।
कौन हैं रेस्क्यू हुए युवक
शिवम और शुभम दोनों29 साल के हैं। ये नगरी के रहने वाले हैं। विकास भंडारी 35 साल के हैं और परौर निवासी हैं। तीनों युवकों को सुरक्षित बचा लिया गया। उन्हें किसी प्रकार की चोट नहीं आई।
कांगड़ा एएसपी बीर बहादुर सिंह ने बताया कि संयुक्त टीम ने काम किया। रातभर चले ऑपरेशन के बाद युवकों को बचाया गया। तीनों युवकों को सुबह पांच बजे सुरक्षित धर्मशाला पहुंचाया गया।
कैसे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
जिलाआपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने तुरंत कार्रवाई की। एसडीआरएफ कांगड़ा के डीएसपी ने बताया कि रात साढ़े आठ बजे सूचना मिली। तुरंत रेस्क्यू टीम को भेजा गया। स्थानीय पुलिस टीम ने भी सहयोग दिया।
ट्रैकिंग के दौरान रास्ता भटकना आम घटना है। पर्वतीय इलाकों में ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। इसीलिए ट्रैकिंग के दौरान सावधानी बरतनी जरूरी होती है। स्थानीय गाइड के बिना ट्रैकिंग नहीं करनी चाहिए।
हिमाचल प्रदेश में पर्यटन सीजन में ऐसी घटनाएं बढ़ जाती हैं। ट्रैकिंग के शौकीन लोग बिना तैयारी के चले जाते हैं। इससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। अधिकारी लोगों को सलाह देते हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल कर्मियों ने कड़ी मेहनत की। रात के अंधेरे में खोज करना आसान नहीं था। टीम ने लगातार काम किया और युवकों को सुरक्षित बचाया। यह सफल ऑपरेशन रहा।
पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने अच्छा समन्वय बनाया। इसी वजह से ऑपरेशन सफल रहा। दोनों टीमों के बीच बेहतर तालमेल देखने को मिला। यह संयुक्त ऑपरेशन कारगर साबित हुआ।
तीनों युवकों को सुरक्षित देखकर उनके परिजन खुश हुए। सुबह होते ही उन्हें उनके घर पहुंचाया गया। सभी युवक स्वस्थ हैं और उन्हें चिकित्सकीय सहायता की जरूरत नहीं पड़ी। यह घटना सावधानी की याद दिलाती है।
