Chamba News: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में भीषण बारिश और भूस्खलन के कारण मणिमहेश यात्रा बुरी तरह प्रभावित हुई है। सैकड़ों यात्री विभिन्न पड़ावों पर फंसे हुए हैं। बाढ़ ने यात्रा मार्गों को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है। प्रशासन फंसे यात्रियों को एयरलिफ्ट करने की तैयारी कर रहा है। तीन यात्रियों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई अन्य लापता हैं।
यात्रा मार्गों पर प्रलय जैसे हालात
मणिमहेश यात्रा का बेस कैंप कही जाने वाली भरमौर घाटी में तबाही का मंजर है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने सड़कों और पुलों को बहा दिया है। पूरा इलाका देश के बाकी हिस्सों से कट गया है। संचार व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है, जिससे राहत और बचाव कार्य में गंभीर चुनौतियाँ आ रही हैं।
राधा अष्टमी के अनुष्ठान के लिए निकले थे यात्री
यात्रा 25 अगस्त को राधा अष्टमी के पवित्र स्नान के लिए शुरू हुई थी। इस दिन को स्थानीय भाषा में ‘बड़ा न्हौण’ कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन मणिमहेश झील में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इसी वजह से खराब मौसम के बावजूद यात्रा शुरू की गई थी।
यात्रा को आधिकारिक तौर पर रोका गया
हालात बिगड़ने के बाद प्रशासन ने यात्रा को आधिकारिक तौर पर रोक दिया है। अब मुख्य फोकस फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने पर है। मौसम विभाग ने लगातार भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। सेना और एनडीआरएफ की टीमों को राहत और बचाव कार्य के लिए तैनात किया गया है।
मणिमहेश यात्रा का धार्मिक महत्व
मणिमहेश को भगवान शिव के पंच कैलाश धामों में से एक माना जाता है। यह स्थान अपनी दुर्गमता और रहस्यमयता के लिए प्रसिद्ध है। ऐसी मान्यता है कि केवल भाग्यशाली और पवित्र हृदय वाले लोगों को ही कैलाश शिखर के दर्शन हो पाते हैं। यह यात्रा हर साल अगस्त-सितंबर के महीने में आयोजित की जाती है।
बचाव कार्य में आ रही है मुश्किल
लगातार खराब मौसम और संचार सुविधाओं के अभाव में बचाव कार्य मुश्किल हो रहा है। हेलीकॉप्टरों के जरिए यात्रियों को एयरलिफ्ट करने की योजना है। हालांकि, खराब मौसम के कारण उड़ान ऑपरेशन भी प्रभावित हो रहे हैं। प्रशासन यात्रियों के परिवार वालों को जानकारी देने का प्रयास कर रहा है।
