Shimla News: हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने ठेकेदारों और विभागीय अधिकारियों को सख्त चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण के दौरान निकलने वाला मलबा केवल चयनित स्थानों पर ही डंप किया जाए। नियमों का उल्लंघन करने वाले ठेकेदारों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट की कार्रवाई होगी।
मंत्री मंगलवार को राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि अवैध तरीके से फेंका गया मलबा बारिश के पानी के साथ मिलकर तबाही का कारण बनता है। यही कारण है कि पहाड़ों में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं। इस समस्या पर अंकुश लगाने के लिए यह सख्त कदम उठाया जा रहा है।
विक्रमादित्य सिंह ने केंद्र सरकार से मिल रहे सहयोग पर भी बात की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य की मदद कर रही है। लेकिन आपदा से हुए नुकसान की तुलना में यह सहायता पर्याप्त नहीं है। प्रदेश को और अधिक वित्तीय सहायता की आवश्यकता है।
इससे पहले मंत्री ने विशेष टास्क फोर्स समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता की। इस समिति का गठन एनएचएआई और सड़क परिवहन मंत्रालय की परियोजनाओं से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए किया गया है। बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।
बैठक में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के समयबद्ध निष्पादन पर जोर दिया गया। भूमि अधिग्रहण, वन और पर्यावरण संबंधी मंजूरियों के मुद्दे भी चर्चा का हिस्सा रहे। ब्यास नदी की सफाई और उपयोगिता स्थानांतरण जैसे विषयों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
मंत्री ने एनएचएआई और सड़क परिवहन अधिकारियों को एक महत्वपूर्ण निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि लोगों की शिकायतों का त्वरित समाधान किया जाए। नागरिकों को परियोजनाओं से होने वाली परेशानियों से निजात दिलाना जरूरी है। इसके लिए सभी आवश्यक उपाय करने को कहा गया।
इस महत्वपूर्ण बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इनमें अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी नजीम, सचिव जेएसवी राखिल काहलों और विशेष सचिव हरबंस सिंह ब्रसकोन शामिल थे। एचपीपीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता एके कुशवाहा भी उपस्थित रहे।
क्षेत्रीय अधिकारी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग कर्नल अजय बरगोटी ने भी बैठक में भाग लिया। सभी अधिकारियों ने समन्वय बनाकर काम करने का संकल्प लिया। इससे राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास को गति मिलने की उम्मीद है।
लोक निर्माण विभाग की यह पहल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय कदम है। सही जगह पर मलबा डंप करने से प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम को कम किया जा सकता है। इससे आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
