शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश: धर्मशाला में 26 नवंबर से शुरू होगा विधानसभा का शीतकालीन सत्र, जानें इस बार कौन सा बनेगा रिकॉर्ड

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 26 नवंबर से शुरू होगा। यह सत्र धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा भवन में आयोजित किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इसकी औपचारिक घोषणा की। सत्र आठ दिनों तक चलेगा और 5 दिसंबर को समाप्त होगा।

सत्र का कार्यक्रम

शीतकालीन सत्र 26 नवंबर से 5 दिसंबर 2025 तक चलेगा। इस दौरान कुल आठ बैठकें आयोजित की जाएंगी। सत्र का शुभारंभ 26 नवंबर को सुबह 11 बजे होगा। पहले दिन शोक संदेश पढ़े जाएंगे। 29 और 30 नवंबर को कोई बैठक नहीं होगी। 4 दिसंबर को गैर-सरकारी सदस्य कार्य दिवस के रूप में निर्धारित किया गया है।

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि राज्यपाल की सिफारिश के बाद अधिसूचना जारी कर दी गई है। सदस्य अब अपने निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित सूचनाएं भेज सकते हैं। यह सूचनाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से स्वीकार की जाएंगी। इस सत्र में महत्वपूर्ण विधायी कार्य संपन्न होंगे।

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धर्मशाला में आयोजन

हिमाचल प्रदेश में विधानसभा सत्रों का दो स्थानों पर आयोजन किया जाता है। मानसून सत्र शिमला में होता है जबकि शीतकालीन सत्र धर्मशाला में आयोजित किया जाता है। शिमला में सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण शीतकालीन सत्र के लिए धर्मशाला को चुना गया है।

यह अब तक का सबसे लंबा शीतकालीन सत्र होगा। पठानिया ने कहा कि तपोवन में आठ बैठकों वाला यह सबसे बड़ा सत्र है। सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। विधानसभा भवन और आसपास के क्षेत्र में व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं।

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सदस्यों के लिए दिशा-निर्देश

विधानसभा सचिवालय ने सभी सदस्यों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। सदस्य अपने प्रश्न और सूचनाएं विधानसभा सचिवालय को भेज सकते हैं। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यमों से सूचनाएं प्राप्त की जाएंगी। इससे सत्र के दौरान कार्यवाही सुचारू रूप से चल सकेगी।

सत्र के दौरान महत्वपूर्ण विधेयकों और नीतिगत मामलों पर चर्चा होगी। सरकार अपने विधायी एजेंडे को पूरा करेगी। विपक्षी दलों के पास सरकार से सवाल पूछने और जवाब मांगने का अवसर होगा। यह सत्र लोकतांत्रिक प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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