Shimla News: हिमाचल प्रदेश में तीन महीने से सक्रिय मानसून अब लौट रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, यह दो दिन में पूरी तरह से विदा हो जाएगा। शनिवार को प्रदेशभर में धूप निकलने से लोगों को राहत मिली, लेकिन सुबह और शाम के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। इस बदलते मौसम में चिकित्सकों ने सावधानी बरतने की सलाह दी है।
मानसून के कमजोर पड़ने के साथ ही तापमान में उतार-चढ़ाव शुरू हो गया है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस का अंतर देखा गया। सेऊबाग में तापमान में 4.8 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई, जबकि नाहन में 2.3 डिग्री की बढ़ोतरी हुई। ऊना सबसे गर्म जिला रहा, जहां तापमान 34 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि 21 से 23 सितंबर तक प्रदेश में मौसम साफ रहेगा। इस दौरान आसमान साफ रहेगा और बारिश की संभावना नहीं है। यह बदलाव मानसून की वापसी का संकेत दे रहा है, जो इस साल 20 जून को प्रदेश में दस्तक देने के बाद से लगातार सक्रिय था।
इस मानसून सीजन के दौरान हिमाचल प्रदेश में सामान्य से 45 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई। कुल वर्षा 1025.9 मिलीमीटर रही, जिसने राज्य में भारी तबाही मचाई। अत्यधिक वर्षा के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में अब तक 245 लोगों की मौत हो चुकी है।
इन प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। प्रारंभिक अनुमानों के मुताबिक, 4762 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ है। फिलहाल 46 लोग अभी भी लापता हैं, जिनका सर्च ऑपरेशन जारी है।
यातायात व्यवस्था प्रभावित
बारिश से हुई क्षति के कारण प्रदेश के दो राष्ट्रीय राजमार्ग और 375 सड़कें अभी भी बंद हैं। इनमें कुल्लू और ऊना का एक-एक राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल है। प्रशासन इन सड़कों को जल्द से जल्द खोलने के लिए काम कर रहा है ताकि यातायात व्यवस्था सामान्य हो सके।
मंडी जिले के दवाडा इलाके में एक फ्लाईओवर के पिलर में दरारें आने के कारण शनिवार को मंडी-कुल्लू मार्ग को पांच घंटे के लिए बंद करना पड़ा। इससे यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई और यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। अधिकारी मरम्मत का काम पूरा करने के बाद मार्ग को फिर से खोलने में सफल रहे।
चिकित्सकों ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे मौसम में हो रहे बदलाव के दौरान विशेष सावधानी बरतें। तापमान में गिरावट के साथ ही सुबह और शाम के समय ठंड बढ़ने लगी है, जिससे सर्दी, खांसी और बुखार जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से ध्यान रखने की जरूरत है। समय पर गर्म कपड़े पहनना और ठंडे पेय पदार्थों से परहेज करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद रहेगा। इसके अलावा संतुलित आहार और पर्याप्त नींद लेने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
मौसम विभाग लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और कोई नई चेतावनी जारी होने पर तुरंत जनता को अवगत कराएगा। प्रशासन ने भी आपदा प्रबंधन की तैयारियों को जारी रखा हुआ है ताकि किसी भी अनहोनी की स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।
लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल अधिकारिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर ही विश्वास करें। स्थानीय प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जहां से नागरिक जरूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और मदद मांग सकते हैं।
