Shimla News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने अब नई सड़कों के निर्माण के बजाय मौजूदा सड़कों को मजबूत और टिकाऊ बनाने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। मुख्य सचिव संजय गुप्ता ने इस नई नीति की जानकारी देते हुए कहा कि यह कदम मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशों के अनुरूप है। लोक निर्माण विभाग अब सड़क नेटवर्क को जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
इस नई योजना का मुख्य उद्देश्य सड़कों को अधिक सुरक्षित और लंबी आयु वाला बनाना है। पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश और भूस्खलन से सड़कों को होने वाले नुकसान को कम करना एक बड़ी चुनौती है। सरकार का लक्ष्य अब ऐसा जलवायु-प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा तैयार करना है जो इन प्राकृतिक आपदाओं को बेहतर ढंग से झेल सके। इससे भविष्य में रखरखाव पर होने वाले खर्च में भी कमी आएगी।
आईआईटी रोपड़ के साथ तकनीकी साझेदारी
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) रोपड़ के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी की है। यह समझौता सड़क निर्माण के क्षेत्र में नई तकनीक और वैज्ञानिक तरीकों को लाने में मददगार साबित होगा। आईआईटी की मदद से कार्य की गुणवत्ता और पारदर्शिता दोनों सुनिश्चित की जाएगी। इस सहयोग से राज्य में सड़क निर्माण के मानकों को नया बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
विभाग ने अपनी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए आधुनिक तकनीक और डिजिटलीकरण को अपनाने का फैसला किया है। विशेषज्ञ संस्थानों की सहायता से काम करने से परियोजनाओं की गुणवत्ता और दक्षता बढ़ेगी। यह कदम सरकारी कामकाज में जवाबदेही सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। नई तकनीक के इस्तेमाल से सड़क निर्माण की प्रक्रिया में और अधिक सटीकता आएगी।
जलवायु परिवर्तन का सड़कों पर प्रभाव
पहाड़ी राज्य होने के कारण हिमाचल प्रदेश में जलवायु परिवर्तन का सीधा असर देखने को मिलता है। अत्यधिक वर्षा और भूस्खलन जैसी घटनाएं सड़क नेटवर्क को भारी नुकसान पहुंचाती हैं। इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए ही सरकार ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। नई नीति में प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर चलने पर जोर दिया जा रहा है। इसका लाभ आने वाले वर्षों में राज्य के निवासियों को मिलेगा।
एक हालिया बैठक में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। साथ ही भविष्य की कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा भी हुई। सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि आने वाले समय में सड़कें केवल यातायात का साधन न रहें। वे राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास की रीढ़ की हड्डी बनें। इस दृष्टिकोण से राज्य के बुनियादी ढांचे में गुणात्मक सुधार आएगा।
इस नई दिशा के पीछे सरकार की मंशा टिकाऊ विकास को बढ़ावा देना है। मजबूत सड़कें न केवल दुर्घटनाओं को कम करेंगी बल्कि आपदा के समय राहत कार्यों में भी मददगार साबित होंगी। बेहतर सड़क नेटवर्क से पर्यटन और व्यापार जैसे क्षेत्रों को भी फायदा पहुंचेगा। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की संभावना है। यह एक दीर्घकालिक और समझदारी भरा निवेश साबित होगा।
