Himachal News: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश में एक बड़ी पहल की घोषणा की है। राज्य सरकार सोलन जिले के वाकनाघाट में 650 बीघा जमीन पर एक विशाल साइबर सिटी विकसित करेगी। इस साइबर सिटी में डेटा भंडारण, कृत्रिम मेधा और अन्य आईटी आधारित उद्यमों को बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना से राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री ने डिजिटल प्रौद्योगिकी विभाग की एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को परियोजना का विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए। सुक्खू ने आईटी क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए कहा कि सरकार प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठा रही है। इसका उद्देश्य राज्य में निवेश को आकर्षित करना है।
वाकनाघाट में एआई लैब की स्थापना
मुख्यमंत्री ने वाकनाघाट में निर्माणाधीन उत्कृष्टता केंद्र की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने इस केंद्र में एक आधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब स्थापित करने का भी आदेश दिया। यह लैब कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में शोध और विकास को गति देगी। स्थानीय युवाओं को इससे बहुत लाभ मिलेगा।
सुक्खू ने जोर देकर कहा कि आईटी उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। साइबर सिटी इस दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी। इस परियोजना से हिमाचल प्रदेश देश के डिजिटल मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान बना सकेगा। सरकार का लक्ष्य राज्य को एक प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
दो आईटी पार्कों का निर्धारित समय
मुख्यमंत्री ने दो अन्य महत्वाकांक्षी आईटी परियोजनाओं पर भी नजर डाली। उन्होंने निर्देश दिया कि कांगड़ा जिले के चैतड़ू और शिमला के मेहली में बन रहे आईटी पार्कों का निर्माण कार्य दिसंबर 2025 तक पूरा कर लिया जाए। इस समयसीमा के पालन पर विशेष जोर दिया गया। इन पार्कों के पूरा होने से स्थानीय स्तर पर आईटी बुनियादी ढांचे को बल मिलेगा।
इन सभी परियोजनाओं से हिमाचल प्रदेश में तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत होगा। राज्य में उच्च गुणवत्ता वाले तकनीकी बुनियादी ढांचे का विकास होगा। इससे बाहरी निवेशकों को राज्य में निवेश के लिए आकर्षित किया जा सकेगा। साथ ही स्थानीय उद्यमियों को भी अपना व्यवसाय स्थापित करने में मदद मिलेगी।
इन पहलों से राज्य के युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे। उन्हें अपने राज्य में ही उच्च स्तरीय नौकरियां मिल सकेंगी। इससे पलायन की प्रवृत्ति पर भी अंकुश लगेगा। सरकार का मानना है कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विकास से राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
