Himachal News: हिमाचल प्रदेश स्कूल लेक्चरर संघ ने केंद्र सरकार से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के नियमों में संशोधन की मांग की है। संघ के प्रांतीय मुख्य मीडिया सचिव राजन शर्मा ने कहा कि एनपीएस के तहत कर्मचारियों को अपना पैसा निकालने में बहुत असुविधा होती है। उन्होंने मांग की कि कर्मचारियों का एनपीएस फंड हिमाचल सरकार को वापस किया जाए।
राजन शर्मा ने बताया कि वर्तमान नियम बहुत कठोर हैं। इनके कारण कर्मचारी आपात स्थिति में भी अपनी जमा राशि नहीं निकाल सकते। उन्होंने केंद्र सरकार की पेंशन नीति को कर्मचारी विरोधी बताया। साथ ही हिमाचल सरकार द्वारा पुरानी पेंशन प्रणाली लागू करने के फैसले की सराहना की।
शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कर्मचारी हित में अनुकरणीय कार्य किया है। प्रदेश के कर्मचारी इस फैसले को कभी नहीं भूलेंगे। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रदेश के कर्मचारी सरकार के साथ खड़े हैं। यह एक बहुत बड़ी सौगात है।
लंबित मांगों को लेकर होगी उच्चस्तरीय बैठक
लेक्चरर संघ ने अपनी लंबित मांगों का एजेंडा तैयार किया है। एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से मिलेगा। यह प्रतिनिधिमंडल प्रदेश प्रधान अजय नेगी और मुख्य संरक्षक लोकेंद्र नेगी के नेतृत्व में होगा।
इसमें पूरी प्रदेश टीम और जिलों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। वे शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री और शिक्षा सचिव से भेंट करेंगे। इस बैठक में सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा होगी। संघ का लक्ष्य इन मांगों का शीघ्र समाधान प्राप्त करना है।
डीए भुगतान और पदोन्नति की मांग
संघ ने सरकार से कर्मचारियों का लंबित महंगाई भत्ता शीघ्र जारी करने का आग्रह किया है। स्कूल प्रिंसिपलों की पदोन्नति सूची जारी करने की भी मांग की गई है। ये मुद्दे काफी समय से लंबित चल रहे हैं।
राजन शर्मा ने कहा कि संग लगातार इन मुद्दों को उठा रहा है। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही इनका समाधान निकलेगा। शिक्षा विभाग के साथ होने वाली बैठक इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
पेंशन व्यवस्था पर जोर
लेक्चरर संघ ने पुरानी पेंशन प्रणाली को बहाल करने के लिए हिमाचल सरकार के कदम की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कर्मचारियों के हित में ऐतिहासिक फैसला है। इससे कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।
संघ ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह एनपीएस के नियमों में लचीलापन लाए। ताकि कर्मचारी आवश्यकता पड़ने पर अपनी जमा राशि का उपयोग कर सकें। यह कदम कर्मचारी हित में महत्वपूर्ण साबित होगा।
