Himachal News: हिमाचल प्रदेश में हजारों छात्रों के सामने दिसंबर माह में एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। राज्य चयन आयोग की टीजीटी भर्ती परीक्षा की तिथियां सरदार पटेल विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षाओं से सीधे टकरा रही हैं। इस टकराव के कारण छात्रों को अपनी डिग्री परीक्षा और सरकारी नौकरी के बीच चयन करने की मजबूरी हो सकती है।
छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से तुरंत सेमेस्टर परीक्षाओं की तिथियों में बदलाव करने की मांग उठाई है। आयोग ने टीजीटी मेडिकल और नान-मेडिकल की लिखित परीक्षाएं दो चरणों में आयोजित करने का कार्यक्रम तय किया है। पहला चरण 15 से 17 दिसंबर के बीच चलेगा जबकि दूसरा चरण 25 से 27 दिसंबर के बीच होगा।
एमएससी और बीएड छात्रों पर दोहरा दबाव
यह वहीसमय है जब एमएससी और बीएड जैसे पाठ्यक्रमों के नियमित और पूरक परीक्षार्थियों की सेमेस्टर परीक्षाएं निर्धारित हैं। केवल 15 से 17 दिसंबर के बीच ही एसपीयू के विभिन्न विषयों के 11 पेपर टीजीटी परीक्षाओं के साथ टकरा रहे हैं। इस स्थिति ने उन छात्रों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं जो सरकारी शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे हैं।
बड़ी संख्या में ऐसे छात्र हैं जिन्होंने टीजीटी परीक्षाओं के लिए आवेदन किया है। उन्हें अब अपनी नियमित सेमेस्टर परीक्षा और टीजीटी परीक्षा में से किसी एक को चुनना पड़ सकता है। यह दुविधा छात्रों के भविष्य के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है। दोनों ही परीक्षाएं उनके करियर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
छात्र संगठनों ने उठाई आवाज
विभिन्न विद्यार्थीसंगठनों ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता जाहिर की है। उनकी मांग है कि प्रशासन को छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। छात्रों को सरकारी नौकरी प्राप्त करने और अपनी नियमित डिग्री पूरी करने दोनों का अवसर मिलना चाहिए। तिथियों में बदलाव नहीं होने की स्थिति में हजारों छात्रों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से जल्द से जल्द इस संबंध में आधिकारिक घोषणा करने की अपील की है। एक छात्र प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन से मुलाकात भी की है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि तिथि सूची अभी अस्थायी तौर पर जारी की गई थी।
विश्वविद्यालय ने दिया सकारात्मक संकेत
विश्वविद्यालय प्रशासन नेछात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तिथियों में बदलाव का आश्वासन दिया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार दिनांक सूची में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे। इससे छात्रों को राहत मिलने की उम्मीद है। दोनों परीक्षाओं के बीच समन्वय स्थापित करने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
छात्रों को सलाह दी गई है कि वे अपनी तैयारी जारी रखें। आधिकारिक घोषणा होने तक धैर्य बनाए रखें। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि छात्रों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। कोई भी छात्र अपनी किसी भी महत्वपूर्ण परीक्षा से वंचित नहीं रहेगा।
