Himachal News: हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में पंचायती राज चुनाव निर्धारित समय पर ही होंगे। उन्होंने विपक्षी भाजपा पर बेवजह राजनीति करने और लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। मंत्री मंगलवार को शिमला में अंतरराष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस के कार्यक्रम में बोल रहे थे।
मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि भाजपा नेता पंचायत चुनाव स्थगित होने की अफवाहें फैला रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य आपदा प्राधिकरण की अधिसूचना में चुनाव टालने का कोई जिक्र नहीं है। मंत्री ने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। बेकार बैठे नेता अब लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
मुख्य सचिव के आदेश पर बहस
पिछले दिनों मुख्य सचिव संजय गुप्ता ने आदेश जारी किए थे। इनमें कहा गया था कि प्रदेश में डिजास्टर एक्ट लागू है। आपदा से प्रभावित सड़कों के बहाल होने पर ही पंचायत चुनाव करवाए जाएंगे। इस पर भाजपा ने सरकार पर हार के डर से चुनाव टालने का आरोप लगाया था। विपक्ष का कहना था कि सरकार जनता के मत से डर रही है।
इसके जवाब में मुख्यमंत्री सुक्खू ने स्पष्ट किया था कि पंचायत चुनाव प्रक्रिया की आखिरी तारीख 24 जनवरी है। उन्होंने कहा था कि तब तक चुनाव हो सकते हैं। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा था कि सरकार की पहली प्राथमिकता आपदा प्रभावितों को राहत और पुनर्वास देना है।
निर्वाचन आयोग ने शुरू की तैयारी
राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। आयोग ने कुछ ग्राम पंचायतों की मतदाता सूची निर्माण प्रक्रिया में खामियां पाई हैं। इनमें जनजातीय क्षेत्र भरमौर ब्लॉक की ऑरा, बजोल और होली ग्राम पंचायतें शामिल हैं। मंडी जिले के निहरी ब्लॉक की झुंगी, बहली, बोजे और शिगल पंचायतों की सूची भी सही नहीं बनी थी।
जांच में पाया गया कि इन पंचायतों की सूची 2025 की बजाय 2022 की तैयार की गई थी। इस गलती को सुधारने के लिए आयोग ने नई प्रक्रिया शुरू की है। नई अंतिम मतदाता सूची 13 नवंबर 2025 तक प्रकाशित कर दी जाएगी। इससे पहले कई चरणों में सूची तैयार की जाएगी।
मतदाता सूची का नया कार्यक्रम
नई प्रक्रिया के तहत 13 अक्टूबर को प्रारूपित मतदाता सूची का पूर्वावलोकन तैयार होगा। 15 अक्टूबर को विशेष ग्राम सभा की बैठक होगी। इस बैठक में सूची पर चर्चा और सुझाव लिए जाएंगे। 16 अक्टूबर को नई प्रारूपित मतदाता सूची तैयार की जाएगी। 17 अक्टूबर को इसे सार्वजनिक किया जाएगा।
मतदाताओं को 18 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक आपत्ति दर्ज कराने का मौका मिलेगा। 31 अक्टूबर तक आपत्तियों का निपटारा किया जाएगा। यदि कोई मतदाता नतीजों से असहमत है तो वह 7 नवंबर तक अपील कर सकेगा। अपीलीय प्राधिकारी 11 नवंबर तक अंतिम निर्णय लेगा।
आपदा प्रबंधन पर मंत्री का बयान
मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने आपदा प्रबंधन पर भी बात की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आपदा प्रबंधन को लेकर पूरी तरह गंभीर है। बीते वर्षों की आपदाओं से मिली सीख के आधार पर बेहतर व्यवस्थाएं विकसित की जा रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि आपदा की स्थिति में लोगों की जान बचाना पहली प्राथमिकता है।
मंत्री अंतरराष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस पर आयोजित चार दिवसीय “समर्थ” प्रदर्शनी के शुभारंभ कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। सरकार ने हाल के वर्षों में आपदा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
राजनीतिक माहौल गर्म
पंचायत चुनावों को लेकर राज्य की राजनीति गर्म है। सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच तीखी बहस छिड़ी हुई है। दोनों पार्टियां एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं। राज्य सरकार का कहना है कि चुनाव समय पर होंगे जबकि विपक्ष को इसमें संदेह है।
राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारियों से स्पष्ट है कि चुनाव प्रक्रिया जारी है। मतदाता सूची को अद्यतन करने का काम पूरे राज्य में चल रहा है। पंचायत चुनाव हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। ये चुनाव स्थानीय स्वशासन की नींव मजबूत करते हैं।
