Himachal Pradesh News: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में कहा कि राज्य में हार्ट अटैक के मरीजों के इलाज के लिए जरूरी टेनेक्टेप्लेस इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। यह बयान भाजपा विधायक जनक राज द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में आया। विधायक ने आरोप लगाया था कि स्वास्थ्य विभाग को आईसीएमआर से मिली राशि वापस लौटानी पड़ी।
आईसीएमआर प्रोजेक्ट की शुरुआत
आईसीएमआर की ओर से एक विशेष प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। इसका नाम आईसीएमआर स्टेमी एक्ट प्रोजेक्ट रखा गया। यह प्रोजेक्ट एक जनवरी 2020 से शुरू हुआ था। इसका संचालन चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय के अधीन किया गया। इस प्रोजेक्ट के तहत आईजीएमसी शिमला को 71 लाख रुपये की राशि मिली थी।
इंजेक्शन की खरीदारी
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्राप्त राशि का उपयोग किया गया। 71 लाख रुपये में से 45 लाख रुपये की राशि से टेनेक्टेप्लेस इंजेक्शन खरीदे गए। इन इंजेक्शनों को राज्य के चयनित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आवंटित किया गया। इससे मरीजों को त्वरित इलाज मिल सकेगा।
बची हुई राशि वापस क्यों की गई?
शेष 26 लाख रुपये की राशि को खर्च नहीं किया गया। सीएम सुक्खू ने इसका कारण स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि नवंबर 2024 तक के लिए इंजेक्शन का स्टॉक पहले से ही पर्याप्त था। इंजेक्शन की एक्सपायरी डेट जल्दी खत्म हो जाती है। नए स्टॉक से पुराने स्टॉक के एक्सपायर होने का खतरा था।
ब्याज सहित वापसी
बची हुई 26 लाख रुपये की राशि को आईसीएमआर को वापस कर दिया गया। यह राशि मई 2025 में यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट के साथ लौटाई गई। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस राशि को ब्याज सहित वापस किया गया। इस प्रकार राज्य सरकार ने धन की बर्बादी को रोका।
