Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षकों की सेवानिवृत्ति को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब शिक्षक शैक्षणिक सत्र के अंत में ही सेवानिवृत्त होंगे। वित्त विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। यह नियम शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और मेडिकल शिक्षा विभागों पर लागू होगा।
सत्रवार पुनर्रोजगार की व्यवस्था
सरकार ने चालू शैक्षणिक वर्ष 2025-2026 के लिए सेवानिवृत्त शिक्षकों को सत्रवार पुनर्रोजगार देने का निर्णय लिया है। इससे स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा समेत विभिन्न विभागों के शिक्षकों को लाभ मिलेगा। शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु अब 58 से बढ़कर 59 वर्ष हो गई है।
छात्रों की शिक्षा नहीं होगी बाधित
इस फैसले से शैक्षणिक संस्थानों को सत्र के मध्य में शिक्षकों की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। छात्रों की शिक्षा और शैक्षणिक योजना भी बाधित नहीं होगी। जिन शिक्षकों की सेवानिवृत्ति शैक्षणिक सत्र की समाप्ति से पहले होनी है, उन्हें स्वतः पुनर्रोजगार मिल जाएगा।
पारिश्रमिक और सेवानिवृत्ति लाभ
पुनर्रोजगार अवधि के दौरान शिक्षकों को एक निश्चित पारिश्रमिक मिलेगा। इसकी गणना उनके अंतिम वेतन और पूर्ण पेंशन के अंतर के आधार पर की जाएगी। ग्रेच्युटी और अवकाश नकदीकरण जैसे लाभ पुनर्रोजगार अवधि पूरी होने के बाद दिए जाएंगे। नियमित पेंशन सेवानिवृत्ति की तिथि से शुरू होगी।
अलग-अलग संस्थानों की समाप्ति तिथियां
विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के लिए शैक्षणिक सत्र की अलग-अलग समाप्ति तिथियां निर्धारित की गई हैं। स्कूली शिक्षा और चिकित्सा शिक्षा का सत्र 31 मार्च 2026 को समाप्त होगा। उच्च शिक्षा का सत्र 31 मई 2026 तक चलेगा। आयुष शिक्षा का सत्र 30 अप्रैल 2026 को समाप्त होगा।
पुनर्रोजगार न चाहने वालों के लिए नियम
जो शिक्षक पुनर्रोजगार नहीं चाहते हैं, उन्हें सेवानिवृत्ति तिथि से 60 दिन पहले सूचित करना होगा। इसके लिए निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करना होगा। जो शिक्षक अधिसूचना तिथि से 60 दिनों के भीतर सेवानिवृत्त हो रहे हैं, वे किसी भी समय विकल्प चुन सकते हैं।
