Himachal News: हिमाचल प्रदेश के मंडी में आयोजित सुक्खू सरकार का संकल्प सम्मेलन विवादों में घिर गया है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने इस रैली को पूरी तरह असफल करार दिया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब हिमाचल प्रदेश सरकार ने विकास ही नहीं किया, तो जश्न किस बात का मनाया जा रहा है। रैली के दौरान बेरोजगार नर्सों के विरोध ने सरकार के दावों की पोल खोल दी है।
बेरोजगार नर्सों का फूटा गुस्सा
सम्मेलन के दौरान बेरोजगार नर्सें अपना रोष जताने पहुंची थीं। सरकार ने उनकी आवाज दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पुलिस ने तुरंत उनके हाथों से नारे लिखी तख्तियां छीन लीं। इन तख्तियों के पीछे लिखा था कि नर्सों का भविष्य अंधकार में है। परमार ने कहा कि यह घटना हिमाचल प्रदेश सरकार की नाकामी का जीता-जागता सबूत है। बेरोजगारी से परेशान इन नर्सों को रैली स्थल से हटा दिया गया।
वादों से मुकरी कांग्रेस सरकार
विपिन परमार ने आरोप लगाया कि तीन साल में सरकार ने जनता को खून के आंसू रुलाया है। कांग्रेस ने सत्ता पाने के लिए हिमाचल प्रदेश के लोगों को झूठे सपने दिखाए। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार ने इन सपनों को कतरा-कतरा कर कुतर दिया है। पांच साल में पांच लाख नौकरियों का वादा किया गया था। तीन साल बीत जाने के बाद भी युवा खाली हाथ हैं। नौकरी के इंतजार में कई बेरोजगारों की उम्र निकल चुकी है।
झूठे वादों का संकल्प सम्मेलन
परमार ने इस आयोजन को ‘झूठे वादों का संकल्प सम्मेलन’ बताया। उन्होंने याद दिलाया कि पहली कैबिनेट में एक लाख सरकारी नौकरियों का वादा था। साथ ही महिलाओं को 1500 रुपये और 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की बात कही गई थी। सत्ता में आने के बाद सरकार एक भी वादा पूरा नहीं कर पाई है। हिमाचल प्रदेश की जनता को इन तीन सालों में दर्द के सिवाय कुछ नहीं मिला। परमार ने कहा कि जनता आने वाले चुनावों में इसका हिसाब जरूर लेगी।
