Himachal News: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर आ गई है। राज्य आर्थिक संकट से जूझ रहा है, लेकिन सरकार मेलों के आयोजन में व्यस्त है। ताजा मामला कांगड़ा वैली कार्निवाल का है। सरकार 24 से 31 दिसंबर तक इस कार्निवाल का आयोजन कर रही है। हैरानी की बात यह है कि इसके लिए प्रशासन ने अब चंदा मांगना शुरू कर दिया है। खाद्य आपूर्ति विभाग ने बाकायदा पत्र जारी कर पैसे जुटाने की अपील की है।
पेट्रोल पंप और मिल मालिकों से मांगी मदद
कांगड़ा जिला प्रशासन ने इस आयोजन के लिए सरकारी तंत्र का इस्तेमाल किया है। खाद्य आपूर्ति विभाग के जिला कंट्रोलर पुरुषोत्तम सिंह ने एक आदेश जारी किया है। इसमें जिले के पेट्रोल पंप मालिकों, गैस एजेंसियों और ईंट भट्ठा संचालकों से पैसे मांगे गए हैं। इसके अलावा चावल और आटा मिल मालिकों से भी वित्तीय सहायता की गुहार लगाई गई है। पत्र में हवाला दिया गया है कि 18 नवंबर को डीसी ने आयोजन के निर्देश दिए थे। प्रशासन का कहना है कि यह आयोजन हिमाचल प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देगा।
सुधीर शर्मा ने सरकार को घेरा
धर्मशाला से भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की आड़ में जबरन वसूली हो रही है। सुधीर शर्मा ने कहा कि सरकारी लेटरहेड पर चंदा मांगना शर्मनाक है। उन्होंने सवाल पूछा कि अगर सरकार कार्निवाल करवाना चाहती है, तो बजट का इंतजाम क्यों नहीं किया गया? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह दान नहीं, बल्कि दबाव में की जा रही उगाही है। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी इस पत्र को शेयर कर सरकार पर सवाल उठाए हैं।
रेणुका जी मेले में भी मांगा था चंदा
इससे पहले भी हिमाचल प्रदेश में ऐसा ही मामला सामने आया था। 22 नवंबर को सिरमौर में रेणुका जी मेले के लिए प्रशासन ने पंचायतों से चंदा मांगा था। विपक्ष का आरोप है कि सरकार मेलों में पंजाबी गायकों पर लाखों रुपये खर्च करती है। दूसरी तरफ विकास कार्यों के लिए खजाने के खाली होने का तर्क दिया जाता है। सरकार की इन नीतियों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
