शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश: सुक्खू सरकार ने पंचायत चुनाव किए स्थगित, जयराम ठाकुर ने बोला बड़ा हमला

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Shimla News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने आगामी पंचायत चुनावों को स्थगित करने का बड़ा फैसला लिया है। यह चुनाव दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में होने थे। सरकार ने कहा कि भारी बर्फबारी और खराब सड़क संपर्क के चलते मतदाताओं और चुनाव कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना मुश्किल है। इसलिए चुनाव तब कराए जाएंगे जब सड़क संपर्क पूरी तरह बहाल हो जाएगा।

मुख्य सचिव संजय गुप्ता ने आदेश जारी कर इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि इस दौरान पूरे राज्य में भारी बर्फबारी और शीत लहर का प्रकोप रहता है। मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर और शिमला जिलों के डिप्टी कमिश्नरों ने भी सचिव, पंचायत राज को स्थगन का सुझाव दिया था। उनका मानना था कि बिना सड़क संपर्क चुनाव कराना जोखिम भरा होगा।

जयराम ठाकुर ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

इस फैसले पर विपक्ष की प्रतिक्रिया तीखी रही। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनता का सामना करने से डर रही है। ठाकुर ने कहा कि सरकार को पहले से ही चुनावी हार का अंदाजा है इसलिए आपदा का बहाना बनाया जा रहा है। उन्होंने इसे सरकार की पहले से तैयार स्क्रिप्ट बताया।

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जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने पहले नगर निकाय चुनावों से दूरी बनाई और अब पंचायत चुनाव टाल दिए हैं। उन्होंने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि आपदा प्रभावितों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। उनका कहना था कि सरकार को अपनी नाकामयाबी छिपाने के बजाय जनता का सामना करना चाहिए।

प्राकृतिक आपदाओं ने मचाई भारी तबाही

इस साल मानसून में हिमाचल प्रदेश को भारी नुकसान झेलना पड़ा। जून से अगस्त तक हुई भारी बारिश और बाढ़ ने राज्य में तबाही मचा दी। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान 47 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गईं। इसके अलावा 98 फ्लैश फ्लड और 148 बड़े भूस्खलन भी हुए।

इन प्राकृतिक आपदाओं के कारण लगभग 270 लोगों की मौत हो गई। 1817 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए जबकि 8323 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा। सड़कों का बुनियादी ढांचा पूरी तरह से चरमरा गया। अनुमानित आर्थिक नुकसान 5426 करोड़ रुपये से अधिक का है।

चुनाव की नई तारीखों का इंतजार

मुख्य सचिव के आदेश के बाद अब अगला कदम राज्य चुनाव आयोग का है। आयोग चुनावों की नई तारीखों का ऐलान करेगा। इसके लिए प्रशासन लगातार स्थिति की समीक्षा करेगा। सड़क संपर्क बहाल होने की स्थिति पर नजर रखी जाएगी।

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प्रशासन का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव बिना किसी बाधा के संपन्न हो सकें। नई तारीखों का निर्धारण मौसम और बुनियादी ढांचे की स्थिति को देखते हुए किया जाएगा। ताकि हर मतदाता तक पहुंचना आसान हो और चुनाव प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके।

सुरक्षा चिंताओं ने लिया बड़ा फैसला

सरकार ने अपने फैसले का कारण मतदाताओं और चुनाव कर्मचारियों की सुरक्षा बताया है। बर्फबारी के दौरान दुर्गम इलाकों में यातायात बहुत मुश्किल हो जाता है। इससे मतदान केंद्रों तक पहुंचना खतरनाक साबित हो सकता है। आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देना भी चुनौतीपूर्ण होगा।

इसलिए सरकार ने स्थगन को जरूरी कदम माना है। इस फैसले से सभी नागरिकों को मतदान का अवसर मिल सकेगा। चुनाव आयोग और प्रशासन के पास पर्याप्त तैयारी का समय भी मिल जाएगा। अंततः यह फैसला लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने वाला साबित होगा।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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