Himachal News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी सरकार की बड़ी उपलब्धि गिनाई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले तीन सालों में अपने संसाधनों से 26,683 करोड़ रुपये कमाए हैं। यह आंकड़ा पिछली भाजपा सरकार की औसत कमाई से 3800 करोड़ रुपये ज्यादा है। सीएम ने बताया कि शराब ठेकों की नई नीलामी नीति से राज्य के राजस्व में भारी उछाल आया है। सरकार अब आर्थिक सुधारों की ओर तेजी से बढ़ रही है।
शराब नीति से हुई बंपर कमाई
सुक्खू सरकार ने सत्ता में आते ही शराब ठेकों के लिए नीलामी-सह-निविदा प्रणाली लागू की थी। इस फैसले से हिमाचल प्रदेश के खजाने में 5408 करोड़ रुपये आए। पिछली सरकार के समय यह कमाई सिर्फ 1114 करोड़ रुपये थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ठेकों की नीलामी नहीं करती थी। वे केवल 10 फीसदी फीस बढ़ाकर लाइसेंस रिन्यू कर देते थे। नीलामी से राज्य को रिकॉर्ड तोड़ फायदा हुआ है।
कर्ज चुकाने में जा रही कमाई
सीएम ने शिमला में राज्य की वित्तीय स्थिति पर भी बात की। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार को विरासत में भारी कर्ज मिला है। कमाई का करीब 70 फीसदी हिस्सा पुराने कर्ज को चुकाने में जा रहा है। इसमें 12266 करोड़ रुपये ब्याज और 8087 करोड़ रुपये मूलधन शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा 75000 करोड़ का कर्ज और कर्मचारियों की 10000 करोड़ की देनदारी छोड़कर गई थी।
केंद्र ने घटाया अनुदान
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर भी मदद कम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र ने राजस्व घाटा अनुदान घटा दिया है। वर्ष 2025-26 के लिए इसे घटाकर 3256 करोड़ रुपये कर दिया गया है। जबकि साल 2021-22 में यह राशि 10249 करोड़ रुपये थी। इसके बावजूद राज्य सरकार अपने दम पर आगे बढ़ रही है।
वाइल्ड फ्लावर हॉल केस में जीत
सरकार ने कानूनी मोर्चे पर भी बड़ी सफलता हासिल की है। अक्टूबर 2025 में हाई कोर्ट ने वाइल्ड फ्लावर हॉल का मालिकाना हक राज्य सरकार को दिया। इस फैसले से हिमाचल प्रदेश को 401 करोड़ रुपये का फायदा हुआ। इसमें 320 करोड़ बैंक जमा और शेयर शामिल हैं। इससे हर साल 20 करोड़ की कमाई होगी। वहीं, कड़छम-वांगतू प्रोजेक्ट में रॉयल्टी 12 से बढ़कर 18 फीसदी हो गई है।
आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य
सीएम सुक्खू ने भविष्य का रोडमैप भी जनता के सामने रखा। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2027 तक राज्य को आत्मनिर्भर बनाना है। इसके साथ ही 2032 तक हिमाचल प्रदेश देश का सबसे समृद्ध राज्य बनेगा। इसके लिए बिजली प्रोजेक्ट्स की लीज अवधि 99 साल से घटाकर 40 साल कर दी गई है। चंडीगढ़ में राज्य का हिस्सा लेने के लिए भी प्रयास जारी हैं।
