शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

हिमाचल प्रदेश: सुक्खू सरकार ने शुरू की मुफ्त पानी योजना, 75 लाख लोगों को मिलेगा लाभ

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Shimla News: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने राज्य के 75 लाख निवासियों को मुफ्त पानी उपलब्ध कराने का ऐतिहासिक फैसला किया है। शहरी क्षेत्रों में पानी के बिल की वसूली तत्काल प्रभाव से बंद कर दी गई है। साथ ही शहरी क्षेत्रों में लंबित पड़े भारी भरकम पानी के बिलों का भुगतान भी रोक दिया गया है। ग्रामीण इलाकों में जल शक्ति विभाग द्वारा लगाए गए नलों पर अब कोई बिल नहीं देना होगा।

जल शक्ति विभाग इस निर्णय से सालाना लगभग 40 करोड़ रुपये की आय खो देगा। इसकी भरपाई अब सरकारी कोष से की जाएगी। विभाग के संचालन का पूरा भार सरकार पर आ गया है। जल शक्ति विभाग इस योजना को अंतिम रूप देने से पहले शहरी विकास विभाग से विस्तृत चर्चा कर रहा है।

बकाया बिलों की वसूली पर लगी रोक

शहरी क्षेत्रों में लंबित पानी के बिलों की वसूली पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। जल शक्ति मंत्री स्तर से आदेश जारी किए गए हैं। इन आदेशों के अनुसार शहरी क्षेत्रों में पुराने बिलों की वसूली नहीं की जाएगी। अब उपभोक्ताओं को केवल वर्तमान पानी की खपत के आधार पर ही बिल दिए जाएंगे।

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हिमाचल के शहरी क्षेत्रों में लगभग सौ करोड़ रुपये के पानी के बिल बकाया हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बिल वसूली बंद होने से विभाग को लगभग 210 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। प्रदेश के कुल 32 शहरों में ढाई लाख से अधिक नल कनेक्शन स्थापित हैं।

जल आपूर्ति पर हो रहा भारी खर्च

हिमाचल प्रदेश में जल आपूर्ति पर अब तक 300 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आ चुका है। इस राशि में जेजेएम और अमृत योजनाओं के तहत केंद्र और राज्य सरकार की हिस्सेदारी शामिल है। अक्तूबर 2025 तक 4.48 करोड़ रुपये का व्यय दर्ज किया जा चुका है। यह वार्षिक लक्ष्य का 3.95 प्रतिशत है।

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कुल परियोजना लागत 3000 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। इस बजट में पाइपलाइन बिछाने, जल शोधन संयंत्र स्थापित करने और नियमित रखरखाव का खर्च शामिल है। सरकार ने जल आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए व्यापक योजना तैयार की है।

शहरी विकास विभाग से जारी है समन्वय

उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि मुफ्त पानी योजना को लेकर शहरी विकास विभाग के साथ चर्चा जारी है। इस मसले को केंद्रीय शहरी विकास विभाग के अधिकारियों के समक्ष भी रखा गया है। शहरी विकास विभाग की सहमति मिलने के बाद ही यह योजना पूरी तरह लागू हो पाएगी।

जल शक्ति विभाग को पेंडिंग बिल वसूलने से रोक दिया गया है। शहरी उपभोक्ताओं को अब केवल मौजूदा खपत के आधार पर बिल दिए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित सभी नल कनेक्शनों से बिल वसूली पूरी तरह बंद कर दी गई है। सरकार ने जनकल्याणकारी नीति के तहत यह बड़ा फैसला लिया है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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