Shimla News: हिमाचल प्रदेश में इस साल बादल फटने की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है। पिछले चार वर्षों में पहली बार 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इससे हुए भूस्खलन और बाढ़ ने राज्य में भारी तबाही मचाई है। प्रदेश की 662 सड़कें अभी भी बाधित हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग और बिजली आपूर्ति प्रभावित
चार राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई प्रमुख मार्ग बंद हैं। मनाली का सोलंग गांव भूस्खलन की चपेट में आ गया है। मंडी के द्रंग की रोपा पंचायत में पावर ग्रिड के 400 केवी डबल फीडर के दो टावर गिर गए। इससे पंजाब तक बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है।
यातायात व्यवस्था अस्त-व्यस्त
पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग सात घंटे तक उरला के पास मलबा आने से बाधित रहा। शिमला-रिकांगपिओ राष्ट्रीय राजमार्ग दूसरे दिन भी बहाल नहीं हो पाया। कालका-शिमला रेलमार्ग पर भूस्खलन होने से डाउन मिक्स ट्रेन को सनवारा में रोकना पड़ा।
मणिमहेश यात्रा में श्रद्धालुओं की वापसी
मणिमहेश यात्रा के दौरान फंसे श्रद्धालुओं की सुरक्षित वापसी जारी है। तीन दिनों में 12 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को भरमौर से निकाला गया। लगभग चार हजार श्रद्धालु अभी भी सुरक्षित स्थानों पर हैं। हड़सर से डल झील मार्ग पर 400 लोग फंसे हुए हैं।
मुफ्त बस सेवा और राहत कार्य
हिमाचल पथ परिवहन निगम श्रद्धालुओं को निशुल्क बस सेवा प्रदान कर रहा है। नूरपुर, पठानकोट और जम्मू के भद्रवाह तक बसें चलाई जा रही हैं। एनडीआरएफ और स्थानीय रेस्क्यू दल कुगती रूट से शव निकालने का प्रयास कर रहे हैं। भरमौर-चंबा राजमार्ग को खोलने का काम जारी है।
