Shimla News: हिमाचल प्रदेश की सभी पंचायतों में दो अक्टूबर को विशेष ग्राम सभा की बैठक होगी। भारी बरसात के कारण टल चुकी इन बैठकों में बीपीएल परिवारों की समीक्षा प्रमुख एजेंडा होगी। ग्राम सभा बीपीएल की अंतिम सूची को अंतिम रूप देगी और अयोग्य परिवारों को बाहर करेगी।
सरकार ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि किन परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर किया जाना है। जिन परिवारों की वार्षिक आय पचास हज़ार रुपये से अधिक है या जिनके सदस्य सरकारी नौकरी में हैं, उन्हें सूची से हटाया जाएगा। पक्का मकान रखने वाले परिवार भी बीपीएल के दायरे से बाहर होंगे।
बीपीएल सूची में शामिल होने के नए मानदंड
ग्राम सभा की बैठकों में बीपीएल सूची में शामिल होने के लिए नए मानदंडों पर चर्चा होगी। ऐसे परिवार जिनमें अठारह वर्ष से कम आयु के अनाथ बच्चे ही एकमात्र सदस्य हों, उन्हें सूची में शामिल किया जाएगा। इसी तरह ऐसे परिवार जिनमें केवल उनतास वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजन हों, भी पात्र होंगे।
महिला मुखिया वाले परिवारों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। विधवा, अविवाहित, तलाकशुदा या परित्यक्त महिलाओं के परिवार बीपीएल सूची में शामिल हो सकेंगे। ऐसे परिवार जिनमें अठारह से उनतास वर्ष की आयु का कोई पुरुष सदस्य न हो, उन्हें भी लाभ मिलेगा।
विकलांग और गंभीर बीमारी से पीड़ित परिवार
पचास प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले मुखिया वाले परिवार बीपीएल सूची में शामिल किए जाएंगे। इसके अलावा गंभीर बीमारियों से पीड़ित परिवारों को भी प्राथमिकता मिलेगी। कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसंस और मस्कुलर डिस्ट्राफी जैसी बीमारियों से ग्रसित लोगों के परिवार पात्र होंगे।
हीमोफीलिया और थैलेसीमिया जैसी स्थायी बीमारियों से जूझ रहे कमाने वाले सदस्य वाले परिवार भी सूची में शामिल हो सकेंगे। स्थायी रूप से अक्षम व्यक्तियों के परिवारों को इस श्रेणी में रखा जाएगा। इससे गंभीर रूप से बीमार लोगों को वित्तीय सहायता मिल सकेगी।
मनरेगा श्रमिकों को मिलेगा लाभ
ऐसे परिवार जिनके सभी वयस्क सदस्यों ने पिछले वित्तीय वर्ष में मनरेगा के तहत कम से कम सौ दिन काम किया हो, उन्हें बीपीएल सूची में शामिल किया जाएगा। यह निर्णय नरेगा श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगा। ग्रामीण मजदूरों को इससे विशेष लाभ मिलने की उम्मीद है।
मनरेगा में लगातार काम करने वाले परिवारों की पहचान कर उन्हें बीपीएल सूची में शामिल किया जाएगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। ग्राम सभाएं इन मानदंडों के आधार पर पात्र परिवारों का चयन करेंगी।
ग्राम सभा के अन्य एजेंडे
ग्राम सभा की बैठकों में स्वच्छता अभियानों पर भी चर्चा होगी। पंचायतों के विकास कार्यों और आय-व्यय का लेखा-जोखा भी प्रस्तुत किया जाएगा। ग्रामीणों से सीधे संवाद के लिए यह बैठकें महत्वपूर्ण साबित होंगी।
बीपीएल सूची को लेकर ग्राम सभा में विस्तृत चर्चा होगी। सूची में शामिल प्रत्येक परिवार के नाम पर विचार-विमर्श किया जाएगा। ग्रामीणों की आपत्तियों और सुझावों को ध्यान में रखते हुए अंतिम सूची तैयार की जाएगी। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने पर जोर दिया जाएगा।
