Himachal News: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के युवा खिलाड़ी विश्वजीत ठाकुर ने तलवारबाजी में कांस्य पदक जीता है। उन्होंने अमृतसर के गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में आयोजित अखिल भारतीय विश्वविद्यालय खेलों में यह सफलता हासिल की। विश्वजीत पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
यह प्रतियोगिता दस से बारह नवंबर तक चली। विश्वजीत ठाकुर पच्छाद उपमंडल के मलाणा गांव के निवासी हैं। वह राजेश ठाकुर के पुत्र हैं। इस जीत ने पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ा दी है। स्थानीय लोग उनकी इस उपलब्धि पर बधाई दे रहे हैं।
राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चयन
विश्वजीत ठाकुर का चयन अब खेलो इंडिया विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए हो गया है। यह प्रतियोगिता नवंबर के अंतिम सप्ताह में राजस्थान के कोटा शहर में आयोजित होगी। यह उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
इससे पहले नौ नवंबर को विश्वजीत ने हिमाचल प्रदेश राज्य टूर्नामेंट में भी पदक जीता था। इस जीत ने उन्हें सीनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्थान दिलाया। उनकी इस लगातार सफलता से राज्य के युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिल रही है।
शिक्षा और खेल का सफर
विश्वजीत ठाकुर पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के तहत आने वाले एसएसजीएस कॉलेज माहिलपुर से बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन की पढ़ाई कर रहे हैं। वह शिक्षा और खेल दोनों क्षेत्रों में समान रूप से सफलता हासिल कर रहे हैं। उनका यह संतुलन युवाओं के लिए मिसाल है।
उनके कोच और शिक्षक उनकी प्रतिभा और मेहनत की सराहना करते हैं। कॉलेज प्रशासन ने भी उनकी इस उपलब्धि पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि विश्वजीत की सफलता संस्थान के लिए गौरव की बात है।
पिछली उपलब्धियां
विश्वजीत ठाकुर ने तलवारबाजी में पहले भी कई पदक जीते हैं। साल 2014-15 में पुणे कैडेट राष्ट्रीय प्रतियोगिता में उन्होंने रजत पदक जीता। साल 2016 में ग्वालियर में आयोजित जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी उन्होंने रजत पदक हासिल किया।
साल 2018 के राष्ट्रीय स्कूल खेलों में उन्होंने कांस्य पदक जीता। साल 2018-19 में खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों में भी कांस्य पदक उनके नाम रहा। साल 2020 में ओडिशा में आयोजित अखिल भारतीय विश्वविद्यालय खेलों में भी उन्होंने कांस्य पदक जीता।
साल 2022 में जम्मू में खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों में कांस्य पदक उनके खाते में आया। साल 2023 में लखनऊ में रजत पदक और उत्तर पूर्व विश्वविद्यालय खेलों में कांस्य पदक मिला। इस साल अमृतसर में हुए खेलों में भी उन्होंने कांस्य पदक जीता।
विश्वजीत की इस सफल यात्रा में उनके परिवार और प्रशिक्षकों का बड़ा योगदान है। उनके पिता ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया है। गांव के लोग भी उनकी हर सफलता पर खुशी जाहिर करते हैं। यह सामूहिक समर्थन ही उनकी सफलता का आधार है।
आगामी राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए विश्वजीत कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वह राज्य का नाम रोशन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनका लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश का प्रतिनिधित्व करना है। उनकी इस लगन और समर्पण ने उन्हें आज की सफलता दिलाई है।
