Himachal News: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले ने एक वीरांगना को खो दिया है। शौर्य चक्र से सम्मानित डाक कर्मी बहादुर सिंह की पत्नी संदला देवी का सोमवार को निधन हो गया। पचहत्तर वर्षीय संदला देवी को गांव सांगना में दिल का दौरा पड़ा। उनके निधन से संगढ़ाह क्षेत्र में शोक की लहर है।
संदला देवी ने अपने पति की विरासत को सम्मान के साथ संभाला था। उनके पति ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाई थी। संदला देवी ने चार बेटों की परवरिश की और उन्हें देश सेवा के लिए प्रेरित किया। उनका परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी देश सेवा में संलग्न है।
पति ने दिया था सर्वोच्च बलिदान
स्वर्गीय बहादुर सिंह भारतीय डाक विभाग में पोस्टमैन थे। वह नालागढ़ में कार्यरत थे। एक दिन वह नौ लाख रुपये का सरकारी कैश बैंक में जमा करवाने जा रहे थे। इस दौरान अज्ञात लुटेरों ने उन पर हमला किया।
बहादुर सिंह ने सरकारी पैसे की रक्षा के लिए अपनी जान दी। लुटेरे उन्हें गोली मारकर सत्तर मीटर तक घसीटते रहे। अंत में उनके सीने में गोली मारकर पैसे लूटे गए। उन्होंने अंतिम सांस तक सूटकेस नहीं छोड़ा। यह घटना उनकी कर्तव्यनिष्ठा का अद्भुत उदाहरण है।
राष्ट्रपति ने किया था सम्मानित
बहादुर सिंह की बहादुरी को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिला। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने संदला देवी को सम्मानित किया। साल 2004 में उन्हें मेघदूत पुरस्कार से नवाजा गया। इसके बाद बहादुर सिंह को मरणोपरांत शौर्य चक्र दिया गया।
शौर्य चक्र भारत का प्रतिष्ठित वीरता पुरस्कार है। यह नागरिकों और सैन्य कर्मियों को दिया जाता है। एक डाक कर्मी को यह सम्मान मिलना दुर्लभ है। यह बहादुर सिंह की असाधारण वीरता का प्रमाण है।
परिवार ने आगे बढ़ाई सेवा की परंपरा
संदला देवी के बेटों ने देश सेवा का रास्ता अपनाया। जगपाल सिंह भारतीय डाक विभाग में पोस्टल असिस्टेंट हैं। अमृत सिंह भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जगदीश कुमार सरकारी ठेकेदार हैं जबकि दलीप सिंह प्रगतिशील किसान हैं।
परिवार की देश सेवा की यह परंपरा सराहनीय है। संदला देवी ने अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दिए। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारी। वह पूरे क्षेत्र में सम्मानित व्यक्तित्व थीं।
समाज ने दी श्रद्धांजलि
संदला देवी के निधन की खबर से पूरा क्षेत्र दुखी है। कई गणमान्य व्यक्ति उनके आवास पर पहुंचे। उन्होंने शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी। लोगों ने संदला देवी के जीवन संघर्ष को याद किया।
जिला भाजपा प्रवक्ता प्रताप सिंह रावत ने शोक व्यक्त किया। रिश्ते में वह संदला देवी के भतीजे हैं। उन्होंने परिवार की देश सेवा की परंपरा के बारे में बताया। उन्होंने संदला देवी के साहस और समर्पण को सलाम किया।
संदला देवी का जीवन परिवार और देश के प्रति समर्पण का उदाहरण है। उन्होंने मुश्किल समय में भी हौसला नहीं खोया। उन्होंने अपने बच्चों को जिम्मेदार नागरिक बनाया। उनका जीवन सभी के लिए प्रेरणादायक है।
