Himachal News: मंडी जिले के सरकाघाट उपमंडल की शबनम परवीन के लिए 11 अगस्त का दिन जीवनभर का दर्द बन गया। अस्पताल के बिस्तर पर पड़े उसके पति सदीक मोहम्मद ने गुस्से में उसे तीन तलाक दे दिया, जिसने शबनम और उसके तीन बच्चों का भविष्य अंधकारमय बना दिया।
नशे और हिंसा से भरा था वैवाहिक जीवन
शबनम का निकाह सरकाघाट उपमंडल के झझैल निवासी सदीक मोहम्मद से हुआ था। विवाह के बाद पति का नशे का शौक और हिंसक व्यवहार शबनम के लिए रोज की पीड़ा बन गया। कई बार पिटाई और गाली-गलौज सहने के बाद उसने हिम्मत जुटाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जो फिलहाल सुंदरनगर कोर्ट में विचाराधीन है। इस दौरान वह अपने मायके कनैड में रहने लगी थी।
दुर्घटना के बाद भी नहीं बदला पति का दिल
5 अगस्त को सदीक मोहम्मद सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था। शबनम ने पत्नी का फर्ज निभाते हुए 11 अगस्त को उसके लिए खाना लेकर नेरचौक मेडिकल कॉलेज पहुंची। लेकिन वहां पति ने न केवल उससे झगड़ा किया, बल्कि गुस्से में तीन बार तलाक बोल दिया। शबनम के अनुसार, “उसने कहा कि तुम मेरी जिंदगी से आजाद हो, अब हमारा कोई रिश्ता नहीं है।”
तीन बच्चों के भविष्य की चिंता
शबनम का पहला निकाह सदीक के बड़े भाई से हुआ था, जिनकी मृत्यु के बाद उसने सदीक से शादी की थी। पहले पति से उसके दो और सदीक से एक बच्ची है। तीनों बच्चे अब शबनम के साथ हैं। वह चिंतित है कि अब वह अपने और बच्चों का गुजारा कैसे करेगी।
मुस्लिम महिला अधिनियम के तहत केस दर्ज
पुलिस ने शबनम की शिकायत पर बल्ह थाने में मुस्लिम महिला (विवाह में अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। डीएसपी मुख्यालय दिनेश कुमार ने इसकी पुष्टि की है। यह मामला न केवल शबनम की पीड़ा, बल्कि उन सभी मुस्लिम महिलाओं की दुर्दशा को उजागर करता है जो तीन तलाक जैसी कुप्रथा का शिकार होती हैं।
शबनम का दर्द समाज के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा करता है – क्या महिलाओं को ऐसे अमानवीय व्यवहार और कुप्रथाओं के खिलाफ सुरक्षा मिल पाएगी? पुलिस और कानूनी कार्रवाई से शबनम को न्याय मिलेगा, यही उम्मीद की जा रही है।
