Himachal News: हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में कड़ाके की ठंड ने दस्तक दे दी है। लाहुल-स्पीति जिले का ताबो शहर प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान -5.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बुधवार की रात इस मौसम सीजन की अब तक की सबसे सर्द रात के रूप में चिह्नित हुई। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के न्यूनतम तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखी गई है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पारा जमाव बिंदु से नीचे बना हुआ है।
लाहुल-स्पीति के तापमान में भारी गिरावट
लाहुल-स्पीतिजिले में ठंड ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया। जिले के मुख्यालय केलंग में न्यूनतम तापमान -3.2 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं कुकुमसेरी में पारा -2.1 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। पूरे प्रदेश में कुल उन्नीस स्थानों पर न्यूनतम तापमान दस डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर से दो से चार डिग्री सेल्सियस तक कम रहने का अनुमान है। इस ठंड ने स्थानीय जीवन को प्रभावित किया है।
मैदानी इलाकों में घने कोहरे ने बढ़ाई मुश्किलें
जहांपहाड़ी क्षेत्र ठंड से जूझ रहे हैं, वहीं मैदानी इलाकों में घने कोहरे ने परेशानी खड़ी कर दी। बिलासपुर और सुंदरनगर जैसे शहरों में वीरवार सुबह घना कोहरा छाया रहा। इससे दृश्यता घटकर मात्र सौ मीटर तक सीमित हो गई। कम दृश्यता के कारण वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सड़कों पर वाहनों की रफ्तार धीमी रही और यातायात प्रभावित हुआ। लोगों ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सफर किया।
प्रदेश भर में न्यूनतम तापमान में उतार-चढ़ाव
हिमाचल प्रदेश केविभिन्न हिस्सों में न्यूनतम तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई। हमीरपुर, सेऊबाग और बजौरा में सबसे अधिक चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई। ऊना में न्यूनतम तापमान में 3.8 डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई। अधिकतम तापमान में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। कुछ स्थानों पर अधिकतम तापमान में मामूली वृद्धि दर्ज की गई, तो कुछ में गिरावट देखी गई। प्रदेश का सबसे अधिक अधिकतम तापमान ऊना में तीस डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग नेआगामी दिनों के लिए साफ मौसम की संभावना जताई है। विभाग के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में बारह नवंबर तक मौसम साफ रहने का अनुमान है। इस दौरान आसमान साफ रहेगा और बारिश की कोई संभावना नहीं है। हालांकि, ठंड का प्रकोप जारी रह सकता है। रात और सुबह के तापमान में और गिरावट आ सकती है। पहाड़ी इलाकों में हिमपात की स्थिति बनी रहने की आशंका है। लाहुल-स्पीति जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंड और बढ़ सकती है।
स्थानीय जनजीवन पर ठंड का प्रभाव
अचानक आई इस ठंड नेस्थानीय लोगों के दैनिक जीवन को प्रभावित किया है। लाहुल-स्पीति जैसे दूरदराज के इलाकों में रहन-सहन की स्थितियां चुनौतीपूर्ण हो गई हैं। किसानों और बागवानों को अपनी फसलों को ठंड से बचाने के लिए विशेष इंतजाम करने पड़ रहे हैं। पशुपालकों ने अपने जानवरों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है। पर्यटन पर भी इस ठंड के मिश्रित प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। जहां कुछ साहसी पर्यटक बर्फ देखने पहुंच रहे हैं, वहीं सामान्य पर्यटन प्रभावित हुआ है।
यातायात व्यवस्था पर मौसम का असर
मौसम मेंबदलाव का सीधा असर यातायात व्यवस्था पर पड़ा है। लाहुल-स्पीति और किन्नौर जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में कई सड़कों पर यातायात प्रभावित हुआ है। मैदानी इलाकों में कोहरे के कारण सड़क मार्गों पर गति सीमित करनी पड़ी है। प्रशासन ने यातायात व्यवस्था सुचारू रखने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। वाहन चालकों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। सर्दियों के मौसम में इन इलाकों में यातायात के नियमों का पालन विशेष रूप से आवश्यक हो जाता है।
