Himachal News: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में वन्यजीव संरक्षण का एक दुर्लभ और अनोखा मामला सामने आया है। जिले के बड़सर उपमंडल के जजरी गांव में सात फुट लंबे ब्लैक किंग कोबरा का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। यह घटना तब घटी जब तेज बारिश के कारण एक कच्चे मकान के ढहने से यह विषैला सांप मलबे में दब गया और गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय ग्रामीणों, स्नेक कैचर जसवीर पटियाल, वन विभाग और पशुपालन विभाग के संयुक्त प्रयासों से कोबरा को बचाया गया और उसका इलाज किया गया।
ग्रामीणों ने दिखाई साहस
लोहरली गांव में तेज बारिश के बाद एक कच्चे मकान के ढहने से ब्लैक किंग कोबरा मलबे में दब गया। ग्रामीणों ने मलबा हटाते समय खून से लथपथ सांप को तड़पते हुए देखा। डरने के बजाय उन्होंने तुरंत स्थानीय स्नेक कैचर जसवीर पटियाल को सूचना दी। ग्रामीणों के साहसिक कदम ने सांप के बचाव का मार्ग प्रशस्त किया। यह घटना मानव और वन्यजीवों के सह-अस्तित्व की मिसाल पेश करती है।
स्नेक कैचर ने उठाया जोखिम
जसवीर पटियाल तुरंत घटना स्थल पर पहुंचेऔर जोखिम उठाते हुए घायल सांप को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला। जसवीर ने बताया कि यह सांप अकेला नहीं था बल्कि उसके साथ एक नागिन भी मौजूद थी। मलबा गिरने से नाग गंभीर रूप से घायल हुआ जबकि नागिन सुरक्षित बच निकली। जसवीर ने घायल कोबरा को प्राथमिक देखभाल प्रदान की और उसकी हालत बिगड़ने पर वन विभाग को सूचना दी।
पशु चिकित्सालय में हुआ ऑपरेशन
वन विभाग की टीम ने घायल ब्लैक कोबरा को पशु औषधालय बिझड़ी पहुंचाया। पशुपालन विभाग के डॉक्टर विश्वदीप राठौर ने सांप का सफल ऑपरेशन किया। डॉक्टर राठौर ने बताया कि ब्लैक कोबरा के शरीर पर गहरी चोटें थीं और संक्रमण का खतरा था। उन्होंने सांप को एंटीसेप्टिक दवा दी और दो टांके लगाए। अपने लंबे सेवाकाल में यह पहला अवसर था जब उन्होंने किसी विषैले ब्लैक कोबरा का सफल ऑपरेशन किया।
स्वस्थ होकर जंगल लौटा सांप
ऑपरेशन के बाद सांप को दो दिन तक निगरानी में रखा गया। जब उसकी हालत पूरी तरह सामान्य हो गई, तो वन विभाग ने उसे उसी क्षेत्र के घने जंगल में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया। इस पूरे अभियान ने वन्यजीव संरक्षण के प्रति स्थानीय लोगों की जागरूकता और संवेदनशीलता को उजागर किया। यह घटना इंसानियत, करुणा और संवेदनशीलता की अनूठी मिसाल बन गई है।
वन्यजीव संरक्षण की मिसाल
इस घटना ने हिमाचल प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण के प्रति सकारात्मक माहौल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विषैले सांप होने के बावजूद इसके बचाव और इलाज में सभी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। स्थानीय प्रशासन और नागरिकों के बीच बेहतर समन्वय ने एक मासूम जीव की जान बचाई है। यह घटना भविष्य में वन्यजीव संरक्षण के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेगी।
