Himachal News: विधानसभा सत्र के दौरान बुधवार को भाजपा विधायक दल ने सदन से वॉकआउट कर दिया। यह विरोध भू-संपदा (विनिमयन और विकास) Himachal Pradesh संशोधन विधेयक 2025 को लेकर हुआ। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री के जवाब पर गहरा असंतोष जताया। उन्होंने सरकार पर संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अनदेखी का आरोप लगाया। उनका कहना है कि सरकार न्यायपालिका के अधिकारों को कम करने की कोशिश कर रही है।
रेरा चीफ की नियुक्ति पर विवाद
जयराम ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार रेरा चीफ की नियुक्ति प्रक्रिया से हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की भूमिका खत्म करना चाहती है। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में स्पष्ट निर्देश दिए थे। इसके मुताबिक, संवैधानिक नियुक्तियों में न्यायपालिका की भूमिका कम नहीं की जा सकती। यह एक केंद्रीय कानून है। राज्य सरकार के पास इसे बदलने का अधिकार नहीं है। इसके बावजूद सरकार बिल लाकर नियमों की धज्जियां उड़ा रही है।
‘हिमाचल ऑन सेल’ की साजिश
पूर्व मुख्यमंत्री ने सुक्खू सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार पहले दिन से ‘हिमाचल ऑन सेल’ योजना पर काम कर रही है। विधानसभा में धारा 118 में लाया गया संशोधन इसी साजिश का हिस्सा है। जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार की ‘मित्र मंडली’ धारा 118 में छूट दिलाने का ठेका ले रही है। इसके नाम पर पैसे इकट्ठे किए जा रहे हैं। सरकार ऐसा सिस्टम बना रही है जिससे बाहरी लोग आसानी से Himachal Pradesh में जमीन खरीद सकें। पिछली सरकार में जो लोग धारा 118 को छूने पर हाथ काटने की बात करते थे, वे अब चुप हैं।
नौकरियों के आंकड़ों पर सरकार खामोश
नेता प्रतिपक्ष ने बेरोजगारी के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस 5 लाख सरकारी नौकरियों की गारंटी देकर सत्ता में आई थी। अब 3 साल बीतने पर भी सरकार इसका हिसाब नहीं दे पा रही है। विपक्ष पिछले 2 साल से विधानसभा में नौकरियों का ब्यौरा मांग रहा है। सरकार हर बार जानकारी एकत्र करने का बहाना बनाती है। जयराम ठाकुर ने कहा कि जब सरकार ने नौकरी दी ही नहीं, तो आंकड़ा कहां से देगी। मुख्यमंत्री केवल झूठ बोलकर अपनी कुर्सी बचा रहे हैं।
आक्रोश रैली और दिव्यांगों पर बल प्रयोग
भाजपा की आगामी जन आक्रोश रैली पर भी जयराम ठाकुर ने स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि रैली जोरावर स्टेडियम में ही होगी। उनके पास इसकी अनुमति है। यदि सरकार ने बाधा डाली, तो विधानसभा के अंदर प्रदर्शन होगा। उन्होंने शिमला में विश्व दिव्यांग दिवस पर दिव्यांगजनों पर हुए बल प्रयोग की निंदा की। उन्होंने इसे अमानवीय बताया और कहा कि पुलिस पहले भी प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग कर चुकी है। उन्होंने Himachal Pradesh की जनता से भाजपा की रैली को समर्थन देने की अपील की। उनके अनुसार, यह रैली सरकार को उखाड़ फेंकने की शुरुआत होगी।
