शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

Himachal Pradesh: HPU में 1 करोड़ रुपये लापता, 11 साल बाद राजभवन ने मांगा जवाब

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Himachal News: शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) में एक बड़े आर्थिक गोलमाल की आशंका जताई जा रही है। राजभवन सचिवालय ने विवि प्रशासन से एक करोड़ रुपये के बजट पर रिपोर्ट तलब की है। हैरानी की बात यह है कि सालों बीत जाने के बाद भी इस राशि का उपयोग प्रमाण पत्र (UC) जमा नहीं किया गया है। अब Himachal Pradesh के राज्यपाल सचिवालय ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए जवाब मांगा है।

कागजों में सिमटा रह गया प्रोजेक्ट

दिसंबर 2014 में रूसा (RUSA) के तहत एचपीयू को यह एक करोड़ रुपये की राशि मिली थी। इसका मुख्य उद्देश्य परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना और शौचालयों की मरम्मत करना था। जमीनी हकीकत यह है कि न तो वहां कोई टैंक बना और न ही पाइपलाइन बिछाई गई। यह पूरा प्रोजेक्ट केवल कागजों में ही स्वीकृत होकर रह गया। साल 2025 आने को है, लेकिन मौके पर काम शून्य है।

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विजिलेंस जांच भी रही बेनतीजा

स्टेट विजिलेंस विभाग ने वर्ष 2018 में इस मामले की जांच शुरू की थी। जांच एजेंसी ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सेल के सदस्यों से पूछताछ की और दस्तावेज मांगे। पांच साल बीत जाने के बाद भी विजिलेंस यह पता नहीं लगा पाई कि पैसा कहां खर्च हुआ। प्रशासन ने जांच के दबाव से बचने के लिए उस समय हार्वेस्टिंग सेल को ही भंग कर दिया था। इस कारण Himachal Pradesh विवि में भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं।

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राजभवन ने पूछे तीखे सवाल

मामला सामने आने पर राजभवन सचिवालय ने तत्कालीन सदस्य सचिव से स्पष्टीकरण मांगा है। सचिवालय ने पूछा है कि 2021 में सेल समाप्त होने के बाद भी वह खुद को सदस्य सचिव क्यों बता रहे हैं? साथ ही यह भी पूछा गया कि क्या विजिलेंस ने किसी अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है? उधर, कुलपति प्रोफेसर महावीर सिंह ने अब जल संग्रहण प्रकोष्ठ को फिर से शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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