Shimla News: हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रदेश में पर्यटन और कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर रोप-वे परियोजनाएं शुरू की गई हैं। शिमला में 13.79 किलोमीटर लंबी 1734.70 करोड़ रुपये की रोप-वे परियोजना को मंजूरी मिल चुकी है। इसे चार वर्षों में पूरा किया जाएगा।
इस परियोजना में तीन लाइनें, 14 सेक्शन और 13 स्टेशन होंगे। सचिवालय, अस्पताल, स्कूल, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड को इस नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। यह परियोजना यातायात जाम की समस्या को कम करेगी और पर्यावरण अनुकूल परिवहन का विकल्प प्रदान करेगी।
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा
प्रदेश में तीन महत्वाकांक्षी धार्मिक रोप-वे परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। बाबा बालकनाथ मंदिर रोप-वे 65 करोड़ रुपये, बिजली महादेव रोप-वे 278.62 करोड़ रुपये और माता चिंतपूर्णी मंदिर रोप-वे 76.50 करोड़ रुपये की लागत से बन रही हैं। इन सभी परियोजनाओं को जून 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
देश का पहला ग्रामीण रोप-वे बगलामुखी दिसंबर 2024 में शुरू हो चुका है। 53.89 करोड़ रुपये की इस परियोजना से अब तक 69 हजार यात्रियों ने लाभ उठाया है। आपदा के समय यह रोप-वे स्थानीय लोगों के लिए जीवन रेखा साबित हुआ है।
कुल्लू और शिमला-परवाणु कनेक्टिविटी
कुल्लू के ढालपुर से पीज रोप-वे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। 1.20 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट पर 80 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। इसे जून 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
शिमला को परवाणु से जोड़ने वाली 38 किलोमीटर लंबी रोप-वे परियोजना की योजना बनाई गई है। इसकी अनुमानित लागत 5602.56 करोड़ रुपये है। इस परियोजना को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर पूरा किया जाएगा।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शिमला में 50 करोड़ रुपये की 19 इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं और 25 करोड़ रुपये की 3 परियोजनाएं दिसंबर 2026 तक पूरी की जाएंगी। इन परियोजनाओं से प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
