Shimla News: हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें बंद हो गई हैं। इससे बागवानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सेब सीजन के दौरान सड़कें बंद होने से फसल मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही है। कई स्थानों पर बागवानों ने निराश होकर सेब नाले में फेंक दिए।
ननखड़ी तहसील के शिला गांव में किसानों ने एचपीएमसी को दिए जाने वाला सी ग्रेड सेब नाले में फेंक दिया। बागवान देव राज, रमेश खूंड और अमित ने बताया कि एचपीएमसी सेब नहीं ले रहा है। सड़कें बंद होने के कारण फसल बाजार तक नहीं पहुंच पा रही है।
किसानों का गुस्सा
ग्राम पंचायत अड्डू के प्रधान पिंकू खूंद ने एचपीएमसी से खरीद केंद्र खोलने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सेब नहीं खरीदा गया तो बागवान सड़कों पर उतर सकते हैं। बागवानों ने सरकार के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
बालीचौकी क्षेत्र में पेटियों में भरा सेब सड़कों पर पड़ा है। हिमाचल किसान सभा ने इस स्थिति पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने विभागों द्वारा फसल क्षति का आकलन न करने को निंदनीय बताया।
किसान सभा की मांग
हिमाचल किसान सभा ने उद्यान और कृषि विभाग पर कार्यालय से बाहर न निकलने का आरोप लगाया। संगठन ने तुरंत फसल क्षति का आकलन करने की मांग की। उन्होंने प्रदेश सरकार से तबाह हुई फसलों का मुआवजा देने का अनुरोध किया।
किसान सभा ने केसीसी लोन माफ करने और फसल बीमा योजना का मुआवजा शीघ्र देने की मांग की। यह मांग किसान सभा के राज्य कमेटी सदस्य महेंद्र राणा और अन्य नेताओं ने संयुक्त बयान में रखी। भारी बारिश से सेब और अनार की फसल को भारी नुकसान हुआ है।
