Himachal News: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सराज क्षेत्र में आपदा को चार महीने बीत जाने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गांव तांदी को थुनाग से जोड़ने वाली सड़क बहाल नहीं हो पाई है। इस कारण स्थानीय निवासियों को तीन किलोमीटर के स्थान पर नौ किलोमीटर का अतिरिक्त सफर करना पड़ रहा है। सड़क पर जगह-जगह मिट्टी के ढेर लगे हैं, जिससे यात्रा और भी दुष्कर हो गई है।
थुनाग के पास एक नाले में कलवर्ट न होने के कारण सड़क के दोनों छोर आपस में नहीं जुड़ पा रहे हैं। यह समस्या मुख्य बाधा बनी हुई है। इस कारण सुरागी, सेरी, कनशैला, चखमौरू और तांदी गांव के सैकड़ों लोगों को लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है। उन्हें मनरेगा पार्क के रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है, जिससे समय और ऊर्जा दोनों की बर्बादी हो रही है।
स्कूली बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा असर
इस स्थिति का सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव गांव के 30 स्कूली विद्यार्थियों पर पड़ रहा है। उन्हें रोजाना लंबा और कठिन सफर तय करना पड़ता है, जिससे उनकी पढ़ाई और स्वास्थ्य दोनों प्रभावित हो रहे हैं। तांदी गांव के निवासी उत्तम ठाकुर, नरेश ठाकुर और सतीश ठाकुर ने इस समस्या की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि पूरे गांव को अतिरिक्त मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग से अनुरोध किया है कि नाले में कलवर्ट लगाने का कार्य शीघ्र पूरा किया जाए। उनका कहना है कि सर्दियों के मौसम से पहले सड़क बहाल हो जानी चाहिए। ठंड के दिनों में लंबा पैदल सफर करना और भी अधिक कठिनाइयां खड़ी कर सकता है, खासकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए।
विभाग ने बताया समाधान का तरीका
लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता बंटी कुमार ने इस मामले में अपना पक्ष रखा है। उन्होंने बताया कि तांदी गांव तक पहुंचने के लिए मनरेगा पार्क वाली वैकल्पिक सड़क को पहले ही बहाल कर दिया गया है। थुनाग-तांदी सड़क को जल्द ही पूरी तरह से ठीक करने का काम चल रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नाले में पाइप डालकर सड़क को फिर से जोड़ दिया जाएगा।
इस पूरी स्थिति ने ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे के रखरखाव की चुनौती को एक बार फिर उजागर कर दिया है। आपदा के बाद मरम्मत कार्यों में तेजी लाना स्थानीय प्रशासन के लिए एक बड़ी परीक्षा बन गई है। लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही उनकी समस्या का समाधान होगा और सामान्य यातायात फिर से शुरू हो सकेगा।
