शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

हिमाचल प्रदेश: राजस्व लोक अदालतों ने सुलझाए 4.33 लाख से अधिक मामले, मिली बड़ी राहत

Share

Shimla News: हिमाचल प्रदेश सरकार की राजस्व लोक अदालतों की पहल ने प्रदेशवासियों के लिए बड़ी राहत लाई है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में शुरू इस अभियान के तहत अक्टूबर 2023 से अगस्त 2025 तक 4,33,242 से अधिक लंबित राजस्व मामलों का निपटारा किया जा चुका है। इससे लोगों को जमीन से जुड़े विवादों के त्वरित समाधान मिल रहे हैं।

इस विशेष अभियान की शुरुआत 30 अक्टूबर 2023 को की गई थी। इसके बाद से प्रत्येक महीने के अंतिम दो दिन तहसील और उप-तहसील स्तर पर विशेष राजस्व लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है। इन अदालतों का मुख्य फोकस आम लोगों के भूमि संबंधी मामलों को बिना देरी के सुलझाना है।

सरकारी आंकड़े इस पहल की सफलता की कहानी बयां करते हैं। सबसे अधिक 3,60,105 इंतकाल (विरासत) के मामलों का निपटारा हुआ है। इसके अलावा 22,592 तकसीम (बंटवारे) और 39,835 निशानदेही (सीमांकन) के मामलों को भी सुलझाया गया है। रिकॉर्ड सुधार के 10,710 मामले भी इन अदालतों में दर्ज हुए।

यह भी पढ़ें:  शिक्षा विभाग: 119 पदोन्नत प्रवक्ताओं को 24 सितंबर तक ज्वाइनिंग की अंतिम चेतावनी, नहीं तो रद्द हो जाएगी पदोन्नति

लोगों को मिल रहा है सीधा लाभ

इस व्यवस्था का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि लोगों को अब बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। अब वे अपने नजदीकी तहसील कार्यालय में जाकर ही अपने मामले का शीघ्र निपटारा करवा सकते हैं। इससे उनके समय और धन दोनों की बचत हो रही है।

प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक यह पहली बार है जब किसी राज्य ने इतने बड़े पैमाने पर मिशन मोड में राजस्व मामलों को सुलझाने का काम शुरू किया है। जनता की ओर से इस पहल को भारी सहयोग मिल रहा है और लोग इसे लाभ उठा रहे हैं।

सुशासन है सरकार का मुख्य लक्ष्य

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सुशासन ही किसी भी अच्छे प्रशासन की आधारशिला होता है। सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि लोगों को सरकारी सेवाएं उनके द्वार पर मिलें। उन्हें अपने मामलों के समाधान के लिए किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।

यह भी पढ़ें:  शिमला: कोरोना के बाद बच्चों में आंखों की समस्या तेजी से बढ़ी, आईजीएमसी में दोगुने हुए मरीज

इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राजस्व विभाग में कई सुधारात्मक कदम भी उठाए गए हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य कार्यप्रणाली को और अधिक सरल, पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। इन सुधारों का लाभ अब आम जनता को बेहतर सेवाओं के रूप में मिलने लगा है।

इन राजस्व लोक अदालतों ने न केवल मामलों का बोझ कम किया है बल्कि लोगों का विश्वास भी बढ़ाया है। प्रशासनिक व्यवस्था में इस तरह के सकारात्मक बदलाव से जनता के जीवन में सुधार आता है। हिमाचल प्रदेश सरकार का यह कदम अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News