Himachal News: हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने बुधवार को स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति के चांसलर के रूप में राज्यपाल ही होता है। राज्यपाल ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे।
राज्यपाल आपदा प्रभावितों को राहत सामग्री रवाना करने के बाद मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार नियमों को बाइपास कर कोई कार्रवाई करती है तो उसकी जिम्मेदार सरकार ही होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह राज्य के हित के लिए कार्य कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन
राज्यपाल ने बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन करेंगे। राष्ट्रपति के प्रश्नों के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह केवल यह देखते हैं कि हिमाचल के संस्थान का हित किसमें है। कौन किसका आदमी है इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।
राज्यपाल ने जोर देकर कहा कि वह संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करेंगे। सभी निर्णय कानून और नियमों के अनुसार लिए जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों की प्रक्रिया संवैधानिक दायरे में ही होनी चाहिए।
मुख्य सचिव और डीजीपी की नियुक्ति
मुख्य सचिव और डीजीपी की अस्थायी नियुक्तियों पर राज्यपाल ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि राजभवन को प्राप्त पत्र राज्य सरकार को भेज दिया गया है। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश को कैसे चलाना है यह सरकार जानती है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर किसी पद पर सक्षम अधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई है तो इस बारे में सरकार से बात की जाएगी। राज्यपाल ने कार्यवाहक के बजाय योग्य और स्थायी अधिकारियों की नियुक्ति पर जोर दिया।
आपदा राहत कार्यों की सराहना
राज्यपाल ने आपदा पीड़ितों की मदद के लिए रेडक्रॉस के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने राहत कार्यों में शामिल सभी संगठनों के योगदान को स्वीकार किया। राज्यपाल ने आपदा प्रभावितों को तुरंत राहत पहुंचाने के प्रयासों की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के साथ मिलकर आपदा प्रबंधन कार्यों को और प्रभावी बनाया जाएगा। राज्यपाल ने सभी हितधारकों से आपदा पीड़ितों की मदद के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।
