Himachal News: हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी जल्द दूर होगी। शिक्षा विभाग ने जेबीटी और टीजीटी के 3100 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। राज्य चयन आयोग दिसंबर माह में इन पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित करेगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आयोग को भर्ती प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने का निर्देश दिया है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने राज्य चयन आयोग को पत्र लिखकर इस प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया है। आयोग ने आश्वासन दिया है कि दिसंबर में लिखित परीक्षा के बाद शेष प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। नए शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले सभी भर्तियां पूरी कर ली जाएंगी। इससे स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पद भरने में मदद मिलेगी।
पहले चरण में टीजीटी मेडिकल और नॉन-मेडिकल भर्ती
शिक्षा मंत्री ने आयोग से अनुरोध किया है कि पहले चरण में टीजीटी मेडिकल और नॉन-मेडिकल श्रेणियों की भर्तियां की जाएं। शिमला, सोलन समेत कुछ जिलों में इन श्रेणियों के सबसे अधिक पद खाली हैं। इन क्षेत्रों में विज्ञान शिक्षकों की विशेष रूप से कमी है जिसे दूर करना प्राथमिकता है।
तीन वर्षों में शिक्षा विभाग ने 7000 से अधिक शिक्षक पदों पर भर्तियां की हैं। यह राज्य में शिक्षक भर्ती के मामले में एक रिकॉर्ड है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि पिछली सरकार के दौरान हिमाचल शिक्षा के मामले में 21वें स्थान पर था। अब राज्य ने राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में तीसरा स्थान हासिल किया है।
राज्य में शिक्षा की बेहतर स्थिति
शिक्षा मंत्री ने कहा कि असर रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश अब देश में पहले स्थान पर है। यह राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। सरकार का प्रयास है कि शिक्षा की गुणवत्ता में और सुधार किया जाए। शिक्षकों की पर्याप्त संख्या इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में शिक्षा मंत्री ने कहा कि वह पूरे प्रदेश के दौरे कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में सिरमौर जिले का दौरा किया था। इससे पहले मंडी, चंबा सहित अन्य जिलों में भी शिक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में सब कुछ ठीक चल रहा है।
विपक्षी दलों पर टिप्पणी
शिक्षा मंत्री ने विपक्षी दलों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भाजपा अंदरूनी गुटबाजी से जूझ रही है। पार्टी पांच अलग-अलग गुटों में बंटी हुई है। विभिन्न नेताओं के बयानों से इन मतभेदों का पता चलता है। मंत्री ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार ने विपरीत परिस्थितियों में बेहतर कार्य किया है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार को विरासत में 76 हजार करोड़ रुपये का कर्ज मिला था। बाह्य सहायता परियोजनाओं पर अधिकतम सीमा तय की गई थी। केंद्रीय अनुदान में कटौती की गई थी। इन चुनौतियों के बावजूद सरकार ने राज्य के विकास को जारी रखा है। पिछले तीन वर्षों में प्रदेश को प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना करना पड़ा।
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता
राज्य चयन आयोग ने भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाने का आश्वासन दिया है। परीक्षा और चयन प्रक्रिया में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं होने दी जाएगी। आयोग ने कहा कि समयसीमा का पालन करते हुए सभी भर्तियां पूरी की जाएंगी। इससे उम्मीदवारों को नौकरी के अवसर जल्द मिल सकेंगे।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नए शिक्षकों की नियुक्ति से स्कूलों में शिक्षण कार्य में सुधार होगा। छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी। विशेष रूप से दूरदराज के इलाकों में शिक्षकों की कमी दूर करने पर ध्यान दिया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी स्कूल शिक्षकों के अभाव में न चलने पाए।
