Shimla News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने सोमवार को लोक उपयोगिता प्रतिषेध विधेयक पारित किया। यह विधेयक ध्वनिमत से पास हुआ। अधिसूचना जारी होते ही यह कानून लागू हो जाएगा। नए कानून के तहत किसी भी लोक उपयोगिता में विघ्न डालने पर छह माह तक की कैद और दो से दस हजार रुपये तक जुर्माना हो सकेगा।
मंत्री ने पेश किया विधेयक
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अनुपस्थिति में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने सदन में यह विधेयक पेश किया। बीते सप्ताह शुक्रवार को भी रोहित ठाकुर ने इसे सदन में प्रस्तुत किया था। विधेयक का उद्देश्य लोक उपयोगिताओं को संरक्षण प्रदान करना है।
जमीन विवाद है मुख्य कारण
प्रदेश में कई सार्वजनिक उपयोगिताएं निजी जमीन पर बनी हैं। इनमें सड़कें, नहरें, पेयजल योजनाएं और सरकारी भवन शामिल हैं। कुछ मामलों में लिखित समझौते हैं तो कहीं केवल मौखिक सहमति थी। जमीनों की कीमत बढ़ने से कुछ लोग इन पर दावा करने लगे हैं।
नए कानून के प्रावधान
इस कानून के तहत किसी को भी लोक उपयोगिता को नष्ट करने या बाधित करने का अधिकार नहीं होगा। इस कानून को सिविल अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकेगी। संबंधित मामलों की सुनवाई उपायुक्त करेंगे। उनके आदेशों के खिलाफ 30 दिन के भीतर वित्तायुक्त के पास अपील की जा सकेगी।
सजा के नियम
आदेशों की अवहेलना करने पर सजा का प्रावधान है। कानून का उल्लंघन करने वालों को छह महीने तक की कैद हो सकती है। जुर्माना दो हजार से लेकर दस हजार रुपये तक हो सकता है। सरकार का लक्ष्य लोक हित में काम करने वाली उपयोगिताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
