Shimla News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एकजुट होकर राज्य में आई प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के प्रस्ताव का समर्थन किया। सदन में अंधाधुंध निर्माण और अवैध कटिंग को आपदा के प्रमुख कारणों के रूप में चिन्हित किया गया और ठोस कदम उठाने पर सहमति बनी।
सदस्यों ने जताई गहरी चिंता
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर सदन में व्यापक चर्चा हुई। बंजार के भाजपा विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा कि 21 जून से आई आपदा ने व्यापक तबाही मचाई है। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राशन पहुंचाने और हेलिकॉप्टर से सहायता उपलब्ध कराने की मांग की।
चंबा की स्थिति पर चिंता
चंबा के भाजपा विधायक नीरज नैय्यर ने बताया कि एनडीआरएफ की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में पैदल पहुंच रही हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में पानी की योजनाएं खत्म हो गई हैं और बिजली आपूर्ति पूरी तरह बाधित है। सेवाओं का शीघ्र बहाली जरूरी है।
राहत पैकेज की मांग
भरमौर के भाजपा विधायक डॉ. जनक राज ने राहत पैकेज का दस प्रतिशत चंबा जिले के लिए विशेष रूप से खर्च करने की मांग की। उन्होंने मणिमहेश यात्रा में फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।
नेता प्रतिपक्ष का समर्थन
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि प्रभावितों तक तुरंत मदद पहुंनी चाहिए। उन्होंने सेना के हेलिकॉप्टरों का उपयोग करने और राशन पहुंचाने में विलंब न करने की सलाह दी। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि चंबा में चार हेलिकॉप्टर तैनात हैं।
ग्लोबल वार्मिंग और अनियोजित विकास
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और अनियोजित निर्माण कार्यों ने स्थिति को गंभीर बनाया है। उन्होंने दीर्घकालिक योजना बनाने और सुरंगों के निर्माण पर जोर दिया। पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने एनएचएआई को प्रमुख जिम्मेदार ठहराया।
