Himachal News: हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता लागू कर दी है। हालांकि चुनावों की तारीखों की घोषणा अभी नहीं की गई है। आयोग ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी की है।
आयोग के अनुसार वर्तमान पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल जनवरी 2026 में समाप्त हो रहा है। शहरी स्थानीय निकायों का कार्यकाल भी जनवरी और अप्रैल 2026 में खत्म होगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार चुनाव प्रक्रिया समय पर शुरू की जाएगी।
कार्यकाल समाप्ति की तिथियां
पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल 31 जनवरी 2026 को समाप्त होगा। पचास शहरी स्थानीय निकायों का कार्यकाल 18 जनवरी 2026 को पूरा होगा। धर्मशाला, पालमपुर, मंडी और सोलन नगर निगमों का कार्यकाल 13 अप्रैल 2026 को खत्म होगा।
पांच नगर पंचायतों अंब, चिरगांव, कंडाघाट, नेरवा और निर्मंड का कार्यकाल 16 अप्रैल 2026 को समाप्त होगा। आयोग ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया समय पर पूरी करने के लिए आचार संहिता लागू की गई है। यह कदम संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप है।
तैयारियों की स्थिति
तीन हजार पांच सौ सतहत्तर ग्राम पंचायतों का परिसीमन कार्य पूरा हो चुका है। नब्बे पंचायत समितियों और ग्यारह जिला परिषदों का परिसीमन भी पूरा हो गया है। इकहत्तर शहरी स्थानीय निकायों की सीमाएं भी अंतिम रूप से तय की गई हैं।
तीन हजार पांच सौ अड़तालीस ग्राम पंचायतों की मतदाता सूचियां तैयार हो चुकी हैं। सत्तर शहरी निकायों की मतदाता सूचियां भी कानूनी प्रक्रिया के अनुसार बन गई हैं। शेष उनतीस ग्राम पंचायतों की सूचियां दिसंबर तक तैयार हो जाएंगी।
आचार संहिता के प्रावधान
राज्य निर्वाचन आयुक्त अनिल कुमार खाची ने आचार संहिता लागू करने की घोषणा की। संविधान के अनुच्छेद 243K और 243 ZA के तहत यह अधिसूचना जारी की गई। हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994 की शक्तियों का उपयोग किया गया।
मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट 2020 की धारा 2.1 तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। शहरी स्थानीय निकायों की सीमाएं अब फ्रीज कर दी गई हैं। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक इनमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। सभी विभागों को इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना होगा।
चुनावी तैयारियां
आयोग ने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं के गठन के लिए 75 दिन से कम समय बचा है। अधिकांश शहरी निकायों के गठन के लिए 60 दिन का समय शेष है। समयबद्ध तरीके से चुनावी प्रक्रिया शुरू करना अनिवार्य हो गया है। आयोग ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
राज्य सरकार को पहले ही इस बारे में सूचित कर दिया गया था। आयोग ने एक मई, चार जुलाई और अट्ठाईस जुलाई को पत्र भेजकर जानकारी दी थी। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की प्रतीक्षा है। आचार संहिता लागू होने से चुनावी गतिविधियां नियंत्रित होंगी।
