शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश: लाहुल-स्पीति और मनाली में समय से पहले हिमपात ने बढ़ाई पर्यटकों की चहलकदमी

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Himachal News: लाहुल-स्पीति जिले के कोकसर और पर्यटन नगरी मनाली सहित आसपास के क्षेत्रों में नवंबर महीने में ही मौसम ने करवट ले ली है। लगातार दो दिन से हुई हल्की बर्फबारी के बाद गुरुवार को भी ऊंची चोटियों पर हिमपात हुआ है। रोहतांग पास, मढ़ी और कोकसर जैसे इलाकों में ताजा बर्फ जमा हो गई है, जबकि निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश और बादल छाए हुए हैं। इस अप्रत्याशित मौसमी बदलाव के कारण घाटी के तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है, और स्थानीय लोगों ने ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने तथा बुखारी (तंदूर) का उपयोग शुरू कर दिया है।

मनाली की ऊंची चोटियों पर हो रही इस समय से पहले की बर्फबारी ने स्थानीय पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों में खुशी की लहर दौड़ा दी है। सैलानी बर्फ का दीदार करने के लिए पहाड़ी इलाकों का रुख करने लगे हैं, जिससे होटल व्यवसायियों को अच्छी कमाई की उम्मीद बंधी है। स्थानीय निवासियों और पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि घाटी में इस बार नवंबर के महीने में ही बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो गया है, जिससे ठंड काफी बढ़ गई है। बुधवार को भी कोकसर, रोहतांग और अटल टनल नॉर्थ पोर्टल के आसपास के क्षेत्र में हल्की बर्फबारी का दौर जारी रहा था।

बागवान गोपाल भार्गव और चमन ठाकुर ने बताया कि यह बर्फबारी न केवल पर्यटन कारोबार, बल्कि बागवानी के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होगी। ताजा बर्फबारी से पौधों में प्राकृतिक रूप से नमी बनी रहेगी और आने वाले समय में सेब जैसे फलों के पेड़ों के सपर अच्छे बनने की उम्मीद है। गुरुवार को समूची घाटी में ठंड अधिक होने के चलते लोगों ने हीटर और तंदूर का सहारा लिया। मनाली माल रोड सहित आसपास के क्षेत्र में दिन भर बादल छाए रहने से सर्दी का अहसास और बढ़ गया।

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सैलानियों में बर्फ देखने की उत्सुकता

रोहतांग पास और आसपास केक्षेत्रों में ताजा बर्फबारी को देखते हुए सैलानी अब इन पहाड़ी इलाकों की ओर खिंचे चले आ रहे हैं। इस मौसमी बदलाव ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देने का काम किया है। होटल कारोबारियों के चेहरे खिल उठे हैं क्योंकि बर्फबारी की खबर सुनकर पर्यटकों का आना बढ़ गया है। मौसम के इस बदले मिजाज से घाटी के तापमान में आई गिरावट ने सर्दियों के आगमन का संकेत दे दिया है। यह बर्फबारी सर्दियों के मौसम की शुरुआत का प्रतीक मानी जा रही है।

तापमान में आई गिरावट

नवंबर महीनेमें अचानक आए इस मौसमी बदलाव ने क्षेत्र के तापमान में उल्लेखनीय गिरावट ला दी है। गत रोज हल्की बर्फबारी के बाद गुरुवार को दोपहर बाद फिर से ऊंची चोटियों पर हिमपात हुआ है। इसके चलते निचले इलाकों में भी ठंड का स्तर बढ़ गया है। लोगों ने ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने शुरू कर दिए हैं और घरों में बुखारी का इस्तेमाल किया जा रहा है। मनाली की ऊंची चोटियों पर जमी हुई बर्फ दूर से ही दिखाई दे रही है, जो एक मनमोहक दृश्य प्रस्तुत कर रही है।

स्थानीय व्यवसायियों में उत्साह

स्थानीय निवासीऔर पर्यटन कारोबारी इस बर्फबारी को लेकर काफी उत्साहित हैं। उनका मानना है कि नवंबर में ही बर्फबारी शुरू हो जाने से इस सर्दी में पर्यटकों का आना-जाना बढ़ेगा। बर्फबारी के कारण ठंड बढ़ने से सैलानियों का उत्साह भी बढ़ा है और वे बर्फ से ढके पहाड़ों को देखने के लिए आ रहे हैं। होटलों और रिसॉर्ट्स में बुकिंग बढ़ने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। पर्यटन उद्योग से जुड़े सभी लोगों को इससे फायदा होने की संभावना है।

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बागवानी पर सकारात्मक प्रभाव

बर्फबारीका स्थानीय बागवानी पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। बर्फ की परत मिट्टी में नमी बनाए रखने में मदद करती है, जो पौधों के लिए फायदेमंद होती है। सेब के बागों के लिए तो यह बर्फबारी विशेष रूप से लाभकारी मानी जा रही है। बर्फ पिघलने के बाद मिट्टी को मिलने वाली यह नमी फलों के विकास में सहायक होती है। स्थानीय बागवानों को उम्मीद है कि इससे आने वाले सीजन में फलों की quality अच्छी रहेगी और उन्हें बेहतर उत्पादन मिलेगा।

यातायात की स्थिति

बर्फबारीके बाद यातायात की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। ऊंचाई वाले इलाकों में सड़कों पर फिसलन बढ़ने की आशंका है, जिससे वाहन चालकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। प्रशासन द्वारा आवश्यकता पड़ने पर यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैयारियां की जा रही हैं। सैलानियों को भी सलाह दी जाती है कि वे बर्फबारी वाले इलाकों में यात्रा करते समय सुरक्षा के सभी उपायों का पालन करें और स्थानीय मौसम अपडेट पर नजर बनाए रखें। सर्दियों के मौसम में ऐसी स्थितियां आम बात होती हैं।

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