शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश: युवाओं में फैल रहे सिंथेटिक नशे के खिलाफ पुलिस ने छेड़ा बड़ा अभियान, जानें किन जिलों में है सबसे ज्यादा मामले

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश पुलिस ने राज्य में बढ़ते नशे के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया है। ‘नशा छोड़ो-जीवन जोड़ो’ संदेश के साथ चलाए जा रहे इस अभियान का उद्देश्य युवाओं को सिंथेटिक ड्रग्स से दूर रखना है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी ने इसकी घोषणा की।

पुलिस का मुख्य फोकस युवाओं में तेजी से फैल रहे सिंथेटिक नशे ‘चिट्टा’ पर है। यह नशा सस्ता और आसानी से उपलब्ध होने के कारण तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। शिमला, कांगड़ा, ऊना, सोलन और मंडी जिलों में इसके सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं।

नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई

पुलिस ने नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। वर्ष 2024-25 में एनडीपीएस अधिनियम के तहत 1,300 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से अधिकांश मामले चिट्टे नशे से संबंधित पाए गए हैं। पुलिस नशे के पूरे नेटवर्क को तोड़ने पर काम कर रही है।

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राज्य स्तरीय नशा मुक्ति अभियान की शुरुआत 15 नवंबर को शिमला के रिज से होगी। सुबह 11 बजे शुरू होने वाले इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। यह अभियान जन जागरूकता फैलाने पर केंद्रित होगा।

वॉकथॉन के माध्यम से जागरूकता

इस अभियान के तहत रिज से विधानसभा और चौड़ा मैदान तक वॉकथॉन का आयोजन किया जाएगा। इसमें मंत्रिमंडल के सदस्य, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। एनसीसी, एनएसएस कैडेट्स और विभिन्न एनजीओ भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।

बड़ी संख्या में आम नागरिकों के इसमें शामिल होने की उम्मीद है। यह कार्यक्रम नशे के खिलाफ सामूहिक संघर्ष का प्रतीक बनेगा। पुलिस और प्रशासन की टीमें मिलकर काम कर रही हैं।

कानून के तहत सख्त सजा

राज्य सतर्कता ब्यूरो के एएसपी नरवीर सिंह राठौर ने बताया कि चिट्टा रखना, बेचना या सेवन करना गंभीर अपराह है। एनडीपीएस अधिनियम के तहत इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। छोटी मात्रा में नशा रखने पर एक साल तक की कैद हो सकती है।

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मध्यम मात्रा में नशा पाए जाने पर दस साल तक की कैद हो सकती है। व्यावसायिक मात्रा में नशा पकड़े जाने पर सजा और भी कड़ी होती है। ऐसे मामलों में बीस साल तक की कैद हो सकती है।

युवाओं को बचाने का प्रयास

पुलिस मुख्यालय ने युवाओं में बढ़ते सिंथेटिक नशे पर गहरी चिंता जताई है। अधिकारियों का मानना है कि समय रहते इस पर काबू पाना जरूरी है। नशे की रोकथाम के लिए जागरूकता सबसे प्रभावी हथियार है।

पुलिस नशे के खिलाफ अपने अभियान को और तेज करेगी। तस्करों पर कार्रवाई के साथ-साथ नशे के आदी लोगों के इलाज पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए विभिन्न संस्थाओं के साथ मिलकर काम किया जाएगा।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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