शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश पुलिस: नशा माफिया पर चोट, रिकॉर्ड 1958 केस दर्ज, 3,017 गिरफ्तार

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश पुलिस ने वर्ष 2025 में नशीले पदार्थों के खिलाफ एक व्यापक और आक्रामक अभियान चलाया है। पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी के अनुसार, 1 जनवरी से 28 नवंबर तक राज्य में एनडीपीएस अधिनियम के तहत 1,958 मामले दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में 3,017 लोगों को गिरफ्तार किया गया और चरस, अफीम, हेरोइन, स्मैक, कोकीन समेत बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ जब्त किए गए। इस अभियान में पुलिस ने 7 लाख से अधिक भांग के पौधे भी नष्ट किए।

पुलिस की कार्रवाई में जब्त हुई नशीले पदार्थों की विशाल मात्रा

इस साल पुलिस ने नशीले पदार्थों की रिकॉर्ड बरामदगी की है। अब तक 329 किलो से अधिक चरस और 12 किलो से ज्यादा हेरोइन सहित भारी मात्रा में नशीला सामान जब्त किया गया है। बरामदगी की सूची में 489 किलोग्राम पोपी हस्क और 90 किलोग्राम गांजा भी शामिल है। पुलिस को 25 ग्राम एमडीएमए, 1.44 ग्राम कोकीन और 11.51 ग्राम स्मैक भी मिला है।

इसके अलावा, पुलिस ने 79,326 से ज्यादा नशीली गोलियां और 23,612 कैप्सूल भी बरामद किए हैं। कार्रवाई में 89 बोतल नशीली सिरप भी जब्त की गई हैं। पुलिस का कहना है कि यह बड़ी बरामदगी राज्य में नशे के व्यापक नेटवर्क को उजागर करती है।

तस्करी रोकने के लिए की गई बड़ी कार्रवाई

नशे की अवैध खेती को जड़ से उखाड़ने के लिए पुलिस ने विशेष अभियान चलाया। इसके तहत पुलिस ने 7,13,137 भांग के पौधे नष्ट किए। साथ ही, 3,95,069 पोस्ते के पौधे भी नष्ट कर दिए गए। यह कार्रवाई नशे के स्रोत पर हमला करने की रणनीति का हिस्सा है।

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पुलिस ने इस वर्ष नशा तस्करों की अवैध संपत्ति पर भी कार्रवाई की है। साल 2025 की पुलिस कार्रवाई में तस्करों की लगभग 6.66 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। इससे संदेश गया है कि नशे से कमाया पैसा सुरक्षित नहीं रहेगा।

एक ही दिन में 121 जगहों पर पुलिस की दबिश

नवंबर में हिमाचल पुलिस ने एक बड़ा ऑपरेशन चलाया। एक ही दिन में प्रदेश के 13 पुलिस जिलों में 121 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की गई। यह ऑपरेशन कई दिनों की खुफिया तैयारी पर आधारित था।

इस व्यापक कार्रवाई के दौरान 9 मामलों में नशीले पदार्थ बरामद हुए। इनमें 3.77 किलोग्राम चरस, 12.38 ग्राम हेरोइन और 88.1 ग्राम अफीम शामिल थी। पुलिस ने 63,000 रुपये नकद और एक देसी कट्टा भी जब्त किया।

युवाओं में बढ़ रहे चिट्टे के इस्तेमाल पर चिंता

पुलिस ने माना है कि युवाओं में चिट्टा नामक सिंथेटिक ड्रग का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। कांगड़ा, ऊना, सोलन और मंडी जैसे जिलों में यह समस्या विशेष रूप से गंभीर है। पिछले साल की तुलना में चिट्टे के मामलों में 9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

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इस चुनौती से निपटने के लिए पुलिस ने ‘नशा छोड़ो, जीवन जोड़ो’ नामक राज्यव्यापी जागरूकता अभियान शुरू किया है। इस अभियान की शुरुआत 15 नवंबर को शिमला के रिज मैदान से हुई। इसमें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भाग लिया।

नशे के खिलाफ जन जागरूकता अभियान

हिमाचल सरकार ने चिट्टे के खिलाफ तीन महीने का एक विशेष अभियान शुरू किया है। इसके तहत 1 दिसंबर को धर्मशाला में एक विशाल वॉकथॉन का आयोजन किया गया। इस वॉकथॉन में सैकड़ों स्कूली छात्रों और आम लोगों ने भाग लिया।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने वॉकथॉन के दौरान एक इनाम योजना की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि चिट्टा पकड़वाने वाले मुखबिरों को 10,000 रुपये से 1 लाख रुपये तक का इनाम दिया जाएगा। सूचना देने वालों की पहचान गुप्त रखी जाएगी।

नशामुक्ति और पुनर्वास के प्रयास

राज्य सरकार नशे की लत से जूझ रहे लोगों के पुनर्वास पर भी ध्यान दे रही है। हिमाचल में पांच सरकारी नशामुक्ति केंद्र हैं। 2021 से 2025 के बीच इन केंद्रों में 7,826 से अधिक मरीजों का इलाज हुआ है।

सरकार नशामुक्ति सेवाओं का दायरा बढ़ाने की योजना बना रही है। सिरमौर जिले में 100 बिस्तरों वाला एक नया डी-एडिक्शन सेंटर बनाने के लिए 5.34 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इसके अलावा पांच नए नशामुक्ति केंद्र बनाने की योजना है।

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