Himachal News: दिसंबर में हिमाचल प्रदेश में सर्दी ने प्रचंड रूप धारण कर लिया है। मैदानी और मध्य पहाड़ी इलाके अब पारंपरिक पहाड़ी स्थलों से अधिक ठंडे हो गए हैं। शुक्रवार सुबह सुंदरनगर और सोलन का तापमान मनाली से भी कम दर्ज किया गया। एक दर्जन से अधिक शहरों का न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पिछले 24 घंटों में तापमान में गिरावट दर्ज हुई है।
राज्य का औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से 0.6 डिग्री सेल्सियस कम पाया गया। सुंदरनगर में तापमान 2.6 डिग्री और सोलन में 2.1 डिग्री दर्ज हुआ। मनाली में यह 3.4 डिग्री रहा। राजधानी शिमला का तापमान 7.2 डिग्री और कुफरी का 5.8 डिग्री सेल्सियस मापा गया। इस तरह मैदानी क्षेत्रों ने पहाड़ी स्थलों को पीछे छोड़ दिया।
राज्य भर में तापमान का विस्तृत ब्यौरा
भुंतर मेंन्यूनतम तापमान 2.5 डिग्री दर्ज किया गया। धर्मशाला में यह 6.8 डिग्री और ऊना में 5.5 डिग्री रहा। नाहन 9 डिग्री, पालमपुर 4.5 डिग्री और कांगड़ा 5.6 डिग्री पर पहुंचा। मंडी में तापमान 3.7 डिग्री और बिलासपुर में 7.0 डिग्री मापा गया। हमीरपुर 3.8 डिग्री और जुब्बलहट्टी 7.6 डिग्री पर रहा।
नारकंडा का तापमान 4.0 डिग्री और रिकांगपिओ का 2.2 डिग्री दर्ज हुआ। सराहन में यह 4.9 डिग्री सेल्सियस रहा। लाहौल-स्पीति क्षेत्र में तापमान शून्य से नीचे बना हुआ है। ताबो शुक्रवार को राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा। यहां न्यूनतम तापमान शून्य से 8.3 डिग्री नीचे पहुंच गया। कुकुमसेरी में पारा शून्य से 5.2 डिग्री नीचे दर्ज हुआ।
जनजातीय क्षेत्रों में पानी का संकट
कड़ाकेकी ठंड ने जनजातीय इलाकों में प्राकृतिक जल स्रोत जमा दिए हैं। स्थानीय लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। लाहौल-स्पीति में कई नालों और झरनों का पानी बर्फ में बदल गया है। किन्नौर जिले के कल्पा में तापमान शून्य से 0.2 डिग्री नीचे दर्ज हुआ। यह स्थिति दैनिक जीवन को प्रभावित कर रही है।
मैदानी क्षेत्रों में घने कोहरे ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बिलासपुर में शुक्रवार सुबह दृश्यता मात्र 100 मीटर तक सीमित हो गई। मंडी में दृश्यता 500 मीटर दर्ज की गई। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए मैदानी जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। कुछ स्थानों पर घना कोहरा छाने की चेतावनी दी गई है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग केअनुसार शुक्रवार को राज्य में धूप खिली रहेगी। हालांकि उच्च पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी की संभावना बनी हुई है। शनिवार को मौसम साफ रहने का अनुमान है। सात दिसंबर को पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है। इसके चलते पहाड़ों में मौसम खराब होने की आशंका है।
मध्य और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी हो सकती है। मैदानी इलाकों में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। आठ से ग्यारह दिसंबर तक मौसम सामान्य और साफ रहने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। नए अपडेट समय-समय पर जारी किए जा रहे हैं।
बारिश के अभाव ने बढ़ाई ठंड की तीव्रता
इस बार दिसंबर मेंबारिश और बर्फबारी का अभाव रहा है। इसने सर्दी की तीव्रता को और बढ़ा दिया है। प्रदेश में एक महीने से बादल नहीं बरसे हैं। इससे खेतों में नमी की कमी हो गई है। किसान फसलों की बिजाई में परेशानी का सामना कर रहे हैं। गेहूं सहित अन्य रबी फसलों की बुवाई प्रभावित हुई है।
कृषि विशेषज्ञ इस स्थिति को चिंताजनक मानते हैं। समय पर बुवाई न होने से उत्पादन पर असर पड़ सकता है। किसान सिंचाई के वैकल्पिक साधनों पर निर्भर हैं। भूजल स्तर पर भी दबाव बढ़ रहा है। प्रशासन किसानों की समस्याओं का समाधान खोज रहा है।
यातायात और दैनिक जीवन पर प्रभाव
घनेकोहरे और कड़ाके की ठंड ने यातायात को प्रभावित किया है। सड़क मार्ग से यात्रा करने वालों को सावधानी बरतनी पड़ रही है। राज्य परिवहन निगम ने ड्राइवरों को विशेष दिशा-निर्देश दिए हैं। सुबह के समय वाहनों की गति कम कर दी गई है। हादसों से बचने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।
स्कूली बच्चों और कामकाजी लोगों को भी परेशानी हुई है। सुबह के समय ठंड के कारण लोगों की दिनचर्या देरी से शुरू हो रही है। बिजली और पानी की आपूर्ति पर भी दबाव बढ़ा है। प्रशासन ने आवश्यक सेवाओं को सुचारू रखने के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। आपातकालीन सेवाएं पूरी तरह सक्रिय हैं।
स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां और सलाह
तेज ठंड केकारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। सर्दी, खांसी और जुकाम के मामले बढ़े हैं। बुजुर्ग और बच्चे विशेष रूप से प्रभावित हो रहे हैं। डॉक्टर गर्म कपड़े पहनने की सलाह दे रहे हैं। शरीर को ठंडी हवा से बचाने के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
शीत लहर के दौरान बाहर निकलने से बचना चाहिए। आवश्यकता पड़ने पर पूरे शरीर को ढककर ही बाहर निकलें। घर के अंदर भी पर्याप्त गर्मी का प्रबंध करना जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू किया है। स्थानीय अस्पतालों में अतिरिक्त व्यवस्था की गई है।
