Himachal News: राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ने शिक्षा विभाग के साथ मिलकर नई पहल शुरू की है। इसके तहत शारीरिक शिक्षा शिक्षकों को आपदा प्रबंधन का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। अगले महीने दोनों विभागों के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होंगे। प्रदेशभर के शारीरिक शिक्षकों को चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षित किया जाएगा।
इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य स्कूलों में आपदा सुरक्षा की मजबूत नींव रखना है। प्रथम चरण में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों के शारीरिक शिक्षा शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। एसडीआरएफ ने उच्च शिक्षा निदेशालय से सभी शारीरिक शिक्षकों की सूची पहले से मांग ली है।
व्यावहारिक प्रशिक्षण पर होगा जोर
प्रशिक्षण कार्यक्रम क्लस्टर स्तर पर आयोजित किए जाएंगे। प्रत्येक प्रशिक्षण एक दिन का होगा। एसडीआरएफ के अनुभवी अधिकारी और प्रशिक्षक शिक्षकों को विशेष ज्ञान देंगे। प्राथमिक बचाव और निकासी अभ्यास मुख्य विषय होंगे। प्राथमिक उपचार और सीपीआर तकनीक भी सिखाई जाएगी।
जल सुरक्षा और अग्नि सुरक्षा के गुर भी बताए जाएंगे। टीम समन्वय पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद यह शिक्षक अपने स्कूलों में विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करेंगे। इससे आपदा प्रबंधन जागरूकता का व्यापक प्रसार होगा।
सेवर स्कूल कार्यक्रम की शुरुआत
एसडीआरएफ ने इस अभियान को ‘सेवर स्कूल कार्यक्रम’ नाम दिया है। इस पहल से स्कूल सुरक्षा मानकों में उल्लेखनीय सुधार अपेक्षित है। विद्यालयों में बड़ी संख्या में बच्चे दैनिक उपस्थित रहते हैं। आपदा की स्थिति में प्रारंभिक प्रतिक्रिया बहुत महत्वपूर्ण होती है।
शारीरिक शिक्षा शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का निर्णय इसी को ध्यान में रखकर लिया गया है। एसडीआरएफ के उच्च अधिकारियों ने उच्च शिक्षा निदेशक के साथ बैठक की है। दोनों विभाग मिलकर इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
आपदा प्रबंधन कौशल का विस्तार
इस पहल का उद्देश्य भूकंप, भूस्खलन और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटना है। आग लगने जैसी आपातकाल स्थितियों में विद्यार्थियों और कर्मचारी को सुरक्षित निकालने की प्रशिक्षण दी जाएगी। शिक्षकों को व्यावहारिक समझ विकसित करने पर केंद्र किया जाएगा।
प्रशिक्षित शिक्षक स्कूलों में आपदा प्रबंधन दलों का गठन करेंगे। वे नियमित रूप से सुरक्षा अभ्यास आयोजित करेंगे। इससे विद्यार्थियों में आपदा के समय सही प्रतिक्रिया देने की क्षमता विकसित होगी। पूरे राज्य में स्कूल सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।
यह कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे भविष्य में आने वाली आपदाओं से निपटने की तैयारी बेहतर होगी। स्कूलों के साथ-साथ पूरे समुदाय को इसका लाभ मिलेगा।
