Shimla News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में पशु स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए पशु मित्र नीति-2025 शुरू की है। इस योजना के तहत पहले चरण में 1000 युवाओं को प्रशिक्षण देकर पशु मित्र के रूप में नियुक्त किया जाएगा। ये युवा गांव-गांव जाकर किसानों को पशु चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे।
पशुपालन विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की दूरदर्शिता से यह योजना संभव हो पाई है। पशु मित्र पशु चिकित्सक और किसानों के बीच सेतु का काम करेंगे। वे ग्रामीणों को घर-द्वार पर ही पशुओं का प्राथमिक उपचार और टीकाकरण उपलब्ध कराएंगे।
युवाओं के लिए रोजगार के अवसर
इस योजना से युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार मिलेगा। पशु मित्र प्रतिदिन केवल चार घंटे कार्य करेंगे और उन्हें 5000 रुपये मासिक मानदेय मिलेगा। उनकी नियुक्ति के लिए उपमंडल अधिकारी की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। समिति में वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी भी शामिल होंगे।
पशु मित्रों की जिम्मेदारियों में पशु चिकित्सालयों में सहयोग करना शामिल है। वे बड़े पशुओं को सुरक्षित संभालेंगे और तरल नाइट्रोजन कंटेनर उठाएंगे। गर्भावस्था राशन योजना के तहत चारा वितरण भी उनके कार्यों में शामिल होगा।
शारीरिक योग्यता और अवकाश
पशु मित्र बनने के लिए युवाओं को शारीरिक परीक्षा पास करनी होगी। उन्हें 25 किलो वजन उठाकर 100 मीटर की दूरी एक मिनट में तय करनी होगी। नियुक्त पशु मित्रों को महीने में एक दिन का अवकाश मिलेगा। साल में अधिकतम 12 छुट्टियां मिलेंगी।
महिला पशु मित्रों को दो से कम बच्चों की स्थिति में 180 दिन का मातृत्व अवकाश मिलेगा। गर्भपात की स्थिति में 45 दिन के अवकाश का प्रावधान है। यह नीति पशुधन के प्रति प्रेम और देखभाल को बढ़ावा देगी।
