शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

हिमाचल प्रदेश पंचायत चुनाव: व्हाट्सएप ग्रुप बने चुनावी अखाड़ा, युवा भी ले रहे सक्रिय भागीदारी

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Shimla News: हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। राज्य चुनाव आयोग ने मतदाता सूचियों का प्रारंभिक प्रारूप जारी कर दिया है। हालांकि अभी तक चुनावी रोस्टर जारी नहीं हुआ है। इसके बावजूद जिलों में राजनीतिक गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं।

स्थानीय नेता रोस्टर जारी होने से पहले ही दावेदारी पेश करने लगे हैं। कई पंचायतों में नेता स्वयं अपनी दावेदारी घोषित कर रहे हैं। वहीं कुछ क्षेत्रों में उनके समर्थक इसकी घोषणा कर रहे हैं। चुनावी माहौल दिनोंदिन गर्म होता जा रहा है।

व्हाट्सएप ग्रुप बने चुनावी मंच

गांव की चौपालों के साथ-साथ इंटरनेट मीडिया पर भी चुनावी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। पंचायतों के व्हाट्सएप ग्रुप अब सक्रिय हो गए हैं। इन ग्रुपों पर उम्मीदवारों के नामों पर खूब बहस हो रही है। पुराने और वर्तमान प्रतिनिधि एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।

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शिमला जिले की 412 पंचायतों में ऐसे ग्रुप सक्रिय हैं। प्रत्येक ग्रुप में 200 से 300 सदस्य शामिल हैं। इन ग्रुपों के नाम पंचायत की आवाज, हमारी पंचायत और पंचायत विकास मंच जैसे हैं। सामान्य दिनों में इन पर स्थानीय मुद्दों पर चर्चा होती थी।

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर चुनावी चर्चा

व्हाट्सएप ग्रुप में सुबह शुभ प्रभात संदेशों से दिन की शुरुआत होती है। दोपहर तक राजनीतिक संदेशों का दौर शुरू हो जाता है। पंचायत विकास कार्यों पर चर्चा से शुरुआत होती है। फिर धीरे-धीरे राजनीतिक बहस तेज होती जाती है।

इन ग्रुपों में पंचायत के वरिष्ठ लोगों के साथ-साथ युवा भी सक्रिय हैं। युवा बढ़-चढ़कर इन चर्चाओं में भाग ले रहे हैं। रात ग्यारह-बारह बजे तक बहस जारी रहती है। डिजिटल मंचों ने चुनावी बहस को नया आयाम दिया है।

मतदाता सूची में सुधार की कोशिश

प्रशासन द्वारा मतदाता सूची जारी होने के बाद उम्मीदवार सक्रिय हो गए हैं। वे उन लोगों की पहचान कर रहे हैं जिनका नाम सूची में छूट गया है। पंचायत चुनावों में हर वोट महत्वपूर्ण होता है। इसलिए उम्मीदवार चाहते हैं कि कोई भी मतदाता वोट डालने से वंचित न रहे।

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उम्मीदवार पहले से ही संभावित मतदाताओं की सूची तैयार करते हैं। वे अंदाजा लगाते हैं कि कितने मतदाता उनके पक्ष में वोट डाल सकते हैं। मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए भी उम्मीदवार सक्रिय भूमिका निभाते हैं। यह सब चुनाव की तैयारी का हिस्सा है।

चुनावी रोस्टर जारी होने की प्रतीक्षा जारी है। इसके बाद ही चुनाव की तारीखों का ऐलान होगा। तब तक सभी दल और उम्मीदवार अपनी रणनीति बना रहे हैं। डिजिटल माध्यमों ने चुनाव प्रचार के तरीकों में बदलाव लाया है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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