Himachal News: हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव तीन चरणों में आयोजित किए जा सकते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। मतदाता सूचियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। तेरह नवंबर तक दावे और आपत्तियों का निपटारा करने के बाद ये सूचियां फाइनल हो जाएंगी।
सूत्रों के अनुसार पिछले चुनाव की तरह इस बार भी तीन चरणों में चुनाव कराने पर विचार चल रहा है। जिन जिलों में पंचायतों के पुनर्गठन के प्रस्ताव पर विचार नहीं हो सका, उन्हें पंद्रह नवंबर तक भेजे जाने का निर्देश दिया गया है। पुनर्गठन से मतदाता सूचियों पर प्रभाव पड़ सकता है।
2021 के चुनाव का स्वरूप
जनवरी 2021 में तीन हजार छह सौ पंद्रह पंचायतों में से तीन हजार पांच सौ बहत्तर पंचायतों के लिए मतदान हुआ था। पहले चरण में सत्रह जनवरी को बारह सौ सत्ताईस पंचायतों में मतदान हुआ। दूसरे चरण में उन्नीस जनवरी को बारह सौ आठ पंचायतों में मतदान संपन्न हुआ।
तीसरे चरण में इक्कीस जनवरी को ग्यारह सौ सैंतीस पंचायतों में मतदान हुआ। उस समय कोविड-19 के दौरान चुनाव कराए गए थे। कोविड के फैलाव को रोकने के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन किया गया था।
एक चरण में चुनाव क्यों मुश्किल
एक चरण में पंचायत चुनाव कराना संभव नहीं है। चुनावी ड्यूटी के लिए भारी संख्या में पीठासीन अधिकारियों की जरूरत पड़ती है। मतदान अधिकारियों और सुरक्षा कर्मियों की बड़ी तैनाती करनी होती है। इसलिए चरणबद्ध तरीका अपनाना जरूरी होता है।
जनवरी 2021 में तीन चरणों में हुए चुनाव के लिए इक्कीस हजार एक सौ अट्ठानबे मतदान केंद्र बनाए गए थे। इनमें से नौ सौ बहत्तर मतदान केंद्रों को अतिसंवेदनशील घोषित किया गया था। इस बार भी इसी तरह के इंतजाम किए जाएंगे।
चुनाव प्रक्रिया के बारे में
प्रदेश में वर्तमान में तीन हजार पांच सौ सतहत्तर पंचायतें हैं। इनमें मतदान मतपत्रों के माध्यम से होगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने मतपत्र छापने का कार्य सौंपा है। पंचायत राज संस्थाओं के त्रिस्तरीय चुनाव में पार्टी चुनाव चिह्नों का उपयोग नहीं होगा।
बारह जिला परिषद के दो सौ पचास सदस्यों का चुनाव होगा। इक्यानबे ब्लाक समिति के एक हजार सात सौ छियासठ सदस्यों का चुनाव संपन्न होगा। तीन हजार पांच सौ सतहत्तर पंचायत प्रधान और उपप्रधानों का चुनाव होगा।
इक्कीस हजार एक सौ सैंतालीस वार्ड पंचों के चुनाव भी होंगे। इन सभी चुनावों के लिए चुनाव चिह्न राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचित किए जा चुके हैं। नगर निगम के चुनाव पार्टी चुनाव चिह्न पर होते हैं। नगर परिषद और नगर पंचायतों के चुनाव पार्टी चुनाव चिह्न पर नहीं होते।
न्यायालय में लंबित मामला
पंचायत चुनाव को समय पर करवाने के लिए मामला हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में पहुंचा है। सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को इस मामले में पार्टी बनाया गया है। मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को अपना जवाब देना होगा।
राज्य निर्वाचन आयोग पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव समय पर करवाने के लिए तैयार है। आयुक्त अनिल खाची ने बताया कि तेरह नवंबर को मतदाता सूची फाइनल होगी। समय पर चुनाव करवाने के लिए आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
