Himachal News: हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच तनाव बढ़ गया है। जिला उपायुक्तों ने निर्वाचन आयोग के आदेश के बावजूद मतदाता सूचियां अधिसूचित नहीं की हैं। उन्हें 17 नवंबर शाम पांच बजे तक का समय दिया गया था।
इस मामले ने अब गंभीर रूप ले लिया है। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने पंचायत चुनावों में हुई देरी पर संज्ञान लिया है। न्यायालय ने राज्य चुनाव आयोग और प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किए हैं।
आचार संहिता लागू, सीमा परिवर्तन रोके
राज्य निर्वाचन आयोग नेसोमवार को आचार संहिता की धारा 2.1 लागू कर दी है। इसके तहत पंचायतों की सीमाओं में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। इस कदम ने सरकारी विभागों की गतिविधियों पर रोक लगा दी है।
शहरी विकास विभाग द्वारा ऊना नगर निगम और नादौन नगर परिषद की सीमाओं में परिवर्तन के प्रस्ताव अब निरस्त हो गए हैं। विभाग ने इन परिवर्तनों के लिए 14 दिनों में आपत्तियां मांगी थीं।
तीन करोड़ मतपत्र भी अटके
चुनाव प्रक्रियामें एक और बाधा सामने आई है। पंचायत चुनाव के लिए तैयार तीन करोड़ मतपत्र भी अधिकारियों ने नहीं उठाए हैं। ये मतपत्र चुनाव चिह्न के साथ छप चुके हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रक्रिया समय पर पूरी करवाने के लिए जिला उपायुक्तों को नोटिस जारी किए थे। किसी भी जिले से मतदाता सूची अधिसूचित नहीं हुई है और न ही मतपत्र वितरण शुरू हुआ है।
सरकार ने जताई तैयारी
हाई कोर्ट केनोटिस के बाद प्रदेश सरकार ने जल्द चुनाव प्रक्रिया पूरी करने की बात कही है। निर्वाचन आयोग भी अब सक्रिय हुआ है। लेकिन अधिकारियों की ओर से अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं देखी गई है।
इस पूरे मामले ने पंचायत चुनावों की समयसीमा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। निर्वाचन आयोग और प्रशासनिक तंत्र के बीच तालमेल की कमी स्पष्ट दिख रही है।
