Himachal News: Himachal Pradesh में पंचायत चुनावों को लेकर सस्पेंस गहरा गया है। सुक्खू सरकार आपदा का हवाला देकर अभी चुनाव नहीं कराना चाहती। इस मामले में आज हाईकोर्ट में बेहद अहम सुनवाई होने वाली है। सरकार पंचायतों का पुनर्गठन करना चाहती है। वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग और सरकार के बीच तनातनी जारी है।
हाईकोर्ट में आज अहम सुनवाई
पंचायत चुनाव में देरी को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। वकील डिक्कन कुमार ठाकुर और हैप्पी ठाकुर ने यह याचिका लगाई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने कोर्ट में अपना जवाब पहले ही दाखिल कर दिया है। सोमवार को हाईकोर्ट इस पर कोई बड़ा आदेश जारी कर सकता है। Himachal Pradesh के लोग कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
सरकार और आयोग आमने-सामने
चुनाव आयोग ने अगस्त महीने में ही चुनावी प्रक्रिया शुरू कर दी थी। लेकिन सरकार ने 8 अक्टूबर 2025 को आपदा प्रबंधन एक्ट लागू कर दिया। सरकार का कहना है कि सड़कें बहाल होने के बाद ही चुनाव संभव होंगे। आयोग ने आचार संहिता लगाकर पुनर्गठन पर रोक लगा दी थी। इस कारण सरकार और आयोग आमने-सामने आ गए हैं।
पुनर्गठन पर मांगे गए सुझाव
सरकार ने पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मंडी जिला पंचायत अधिकारी अंचित डोगरा ने बताया कि अधिसूचना जारी कर दी गई है। धनोटु, धर्मपुर और सुंदरनगर के लोग 7 दिन के भीतर अपने सुझाव दे सकते हैं। प्रशासन इसका प्रचार कर रहा है ताकि लोग इसमें हिस्सा ले सकें। Himachal Pradesh के कई जिलों में यह प्रक्रिया चल रही है।
जनवरी में खत्म हो रहा कार्यकाल
राज्य में 3577 पंचायतों में चुनाव होने हैं। इसके अलावा 12 जिला परिषद के 250 सदस्य भी चुने जाएंगे। पंचायतों का कार्यकाल 31 जनवरी 2026 को खत्म हो रहा है। नियम के मुताबिक इससे पहले चुनाव होने चाहिए। हालांकि, मौजूदा हालात को देखते हुए Himachal Pradesh में चुनाव का टलना लगभग तय माना जा रहा है।
