Himachal News: हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों के चुनाव दिसंबर या जनवरी में हो सकते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने उपायुक्तों को चुनावी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही पंचायती राज विभाग ने पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू की है।
उपायुक्तों को पंद्रह नवंबर तक पुनर्गठन संबंधी प्रस्तावों की रिपोर्ट देनी होगी। पंचायती राज विभाग के निदेशक ने सभी जिला प्रमुखों को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। चुनाव आयोग ने चुनाव कर्मियों की सूची तैयार करने को कहा है।
चुनावी तैयारियों के निर्देश
राज्य निर्वाचन आयोग ने उपायुक्तों को विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं। सहायक रिटर्निंग अधिकारियों और मतदान अधिकारियों की नियुक्ति की जानी है। अधिकारियों और कर्मचारियों की विस्तृत जानकारी एकत्र कर सूची बनानी है। वाहनों की उपलब्धता और परिवहन व्यवस्था की योजना तैयार करनी है।
प्रत्येक जिले में मीडिया सेल और नियंत्रण कक्ष स्थापित करने होंगे। इससे चुनावी गतिविधियों की निरंतर निगरानी संभव हो सकेगी। आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया है। सभी तैयारियों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करना होगा।
पुनर्गठन प्रक्रिया और चुनाव पर प्रभाव
पंचायती राज विभाग ने पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू की है। इससे दिसंबर में होने वाले चुनावों पर संशय पैदा हो गया है। लगभग अस्सी पंचायतों के पुनर्गठन प्रस्ताव लंबित हैं। पुनर्गठन से पंचायतों के क्षेत्रों में बदलाव आएगा।
पुनर्गठन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही आरक्षण रोस्टर जारी होगा। उसके बाद ही चुनाव करवाए जा सकेंगे। विभाग ने उपायुक्तों को पंद्रह दिन में लंबित प्रस्तावों का निपटारा करने को कहा है। इससे चुनाव कार्यक्रम पर असर पड़ सकता है।
मंत्रिमंडल का निर्णय
पंचायती राज विभाग के निदेशक ने पच्चीस अक्टूबर की मंत्रिमंडल बैठक का हवाला दिया। मंत्रिमंडल ने माना कि बरसाती आपदा के दौरान उपायुक्त राहत कार्यों में व्यस्त थे। इस कारण पुनर्गठन के प्रस्ताव लंबित रह गए थे। अब इन प्रस्तावों को शीघ्र निपटाने का निर्णय लिया गया है।
उपायुक्तों को पंद्रह दिन की अवधि में सभी लंबित मामलों का निपटारा करना है। इसके बाद ही चुनाव प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी। विभाग ने इस कार्य को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए हैं। सभी जिलों से समयबद्ध रिपोर्ट मांगी गई है।
चुनाव का दायरा
प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के चुनाव होने हैं। बारह जिला परिषदों के प्रतिनिधियों का चुनाव होगा। इक्यानबे ब्लॉक समितियों और तीन हजार पांच सौ सतहत्तर पंचायतों के चुनाव होंगे। शहरी निकायों के चुनाव भी इसी दौरान होंगे।
शिमला नगर निगम को छोड़कर सात नगर निगमों के चुनाव होंगे। तिहत्तर नगर निकायों में भी मतदान होगा। मतदाता सूचियों को तैयार करने का कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। चुनाव आयोग ने सभी प्रक्रियाओं को समय पर पूरा करने पर जोर दिया है।
आगे की कार्ययोजना
राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए कदम उठाए हैं। सभी जिलों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे। मीडिया संपर्क के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी।
मतदान केंद्रों की पहचान और सुरक्षा व्यवस्था पर काम शुरू होगा। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की तैयारी की जाएगी। चुनाव आचार संहिता लागू होने की तिथि की घोषणा बाद में की जाएगी। सभी विभागों को चुनाव कार्यों में समन्वय बनाए रखना होगा।
