शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

हिमाचल प्रदेश: अनाथ बच्चों को मिलेगा प्रदेश के टॉप स्कूलों में प्रवेश, सरकार ने उठाए ये बड़े कदम

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Shimla News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए एक बड़ी पहल शुरू की है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में इन बच्चों को प्रदेश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में दाखिला दिलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य उन्हें समान अवसर प्रदान करना है।

सोलन स्थित पाइनग्रोव पब्लिक स्कूल में चार अनाथ बच्चों को प्रवेश मिला है। शिमला के तारा हॉल स्कूल में तीन बच्चों का दाखिला कराया गया है। दयानंद पब्लिक स्कूल में आठ बच्चों को एडमिशन मिल चुका है। इन स्कूलों में बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जाएगा।

उच्च शिक्षा के लिए आरक्षण

राज्य सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए उच्च शिक्षा में विशेष प्रावधान किए हैं। आईटीआई, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग और फार्मेसी जैसे पाठ्यक्रमों में एक सीट आरक्षित की गई है। यह सुविधा सरकारी और निजी दोनों तरह के संस्थानों में लागू होगी।

बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। इससे वे भविष्य में आत्मनिर्भर बन सकेंगे। सरकार का लक्ष्य है कि ये बच्चे शिक्षा के माध्यम से अपना जीवन सफलतापूर्वक जी सकें।

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मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना

प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना शुरू की है। इस योजना के तहत 27 वर्ष की आयु तक बच्चों की जिम्मेदारी राज्य सरकार उठाएगी। योजना में शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास जैसी बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों को सुरक्षा और बेहतर जीवन स्तर प्रदान करना है। सरकार इन बच्चों के समग्र विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। यह योजना राज्य में सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

राज्य के बच्चे का दर्जा

हिमाचल प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों को ‘राज्य के बच्चे’ का दर्जा दिया है। इससे उन्हें सरकारी संरक्षण और विकास के समान अवसर मिलेंगे। यह दर्जा बच्चों को आत्मविश्वास के साथ जीवन जीने में मदद करेगा।

इस पहल से बच्चों को सामाजिक सुरक्षा का अहसास होगा। वे स्वयं को समाज का उपयोगी सदस्य महसूस कर सकेंगे। सरकार की यह पहल बच्चों के मनोबल को बढ़ाने में सहायक साबित हो रही है।

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शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम

सरकार अनाथ बच्चों के लिए शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम भी चला रही है। इन यात्राओं में बच्चों को देश के ऐतिहासिक स्थलों का दौरा कराया जाता है। यात्रा का सम्पूर्ण व्यय राज्य सरकार वहन करती है।

इस कार्यक्रम के तहत बच्चों को हवाई यात्रा और तीन सितारा होटलों में ठहरने का अवसर मिलता है। इससे उनका जीवन अनुभव समृद्ध होता है। बच्चों को देश की सांस्कृतिक विरासत को समझने में मदद मिलती है।

अनूठा कानूनी प्रावधान

हिमाचल प्रदेश ने अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए एक विशेष कानून बनाया है। यह देश में अपनी तरह का पहला कानून है। इस कानून के माध्यम से बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।

कानून बच्चों को शिक्षा, सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन का अधिकार प्रदान करता है। इस कानूनी ढांचे से बच्चों के भविष्य की दिशा तय करने में मदद मिलेगी। यह प्रदेश में बाल कल्याण की दिशा में एक मजबूत आधार साबित होगा।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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