Himachal Pradesh News: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूर्व भाजपा सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सराज के छतरी में बने 40 करोड़ रुपये के आईटीआई भवन का उदाहरण देते हुए कहा कि इतना बड़ा निवेश करने के बाद भी उसमें सिर्फ 18 प्रशिक्षु ही प्रशिक्षण ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पिछली सरकार ने ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए प्रदेश भर में हजारों करोड़ रुपये के भवन बनवाए। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम बहाल की है और इसके लिए केंद्र सरकार के दबाव के बावजूद पीछे नहीं हटेगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने प्रदेश का खजाना खाली कर दिया और संपदा को लूटा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की लूट की मानसिकता ने हिमाचल प्रदेश को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया। सुक्खू के मुताबिक, वर्तमान सरकार को पिछली सरकार से 50 हजार करोड़ रुपये कम विरासत में मिले। इसके बावजूद राज्य सरकार प्रदेश के विकास के लिए पूरी गति से काम कर रही है और लूट के सभी दरवाजे बंद कर दिए गए हैं।
शिक्षा क्षेत्र में गिरावट का आरोप
मुख्यमंत्री ने पिछली सरकार की शिक्षा नीतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण गुणात्मक शिक्षा के मामले में हिमाचल प्रदेश 2021 में 21वें स्थान पर पहुंच गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक लाभ के लिए जगह-जगह स्कूल खोले गए लेकिन उनमें न तो पर्याप्त स्टाफ था और न ही विद्यार्थियों को बुनियादी सुविधाएं मिल पाईं। इससे शिक्षा का स्तर गिरा और प्रदेश को नुकसान उठाना पड़ा।
वर्तमान सरकार के कदम
सुक्खू ने बताया कि वर्तमान सरकार ने शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए तुरंत कदम उठाए हैं। राज्य सरकार ने स्कूलों में 6000 अध्यापकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इनमें से 3000 अध्यापकों की बैच वाइज भर्ती पहले ही की जा चुकी है। इन सुधारों का नतीजा यह हुआ है कि हिमाचल प्रदेश अब गुणात्मक शिक्षा के मामले में देश में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। यह सुधार राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने महिला पेंशन योजना के बारे में भी स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता बार-बार पूछते हैं कि महिलाओं को 1500 रुपये कब मिलेंगे। सुक्खू ने जवाब दिया कि सरकार व्यवस्था परिवर्तन पर काम कर रही है और जल्द ही सभी पात्र महिलाओं को 1500 रुपये की पेंशन प्रदान की जाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सरकार जनता के पैसे को जनता की भलाई पर खर्च करने में विश्वास रखती है।
केंद्र सरकार के दबाव का सामना
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के दबाव का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने के निर्णय के परिणामस्वरूप केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। केंद्र ने राज्य की ऋण सीमा में 1600 करोड़ रुपये की कटौती की है। सुक्खू ने साफ किया कि इन सभी दबावों के बावजूद कांग्रेस सरकार पुरानी पेंशन स्कीम से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा को सरकार की प्राथमिकता बताया।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पिछली सरकार की वित्तीय नीतियों पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए धन का दुरुपयोग किया। इससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है। मुख्यमंत्री ने वादा किया कि वर्तमान सरकार पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ काम करेगी। उन्होंने कहा कि हर निर्णय जनहित को ध्यान में रखकर लिया जाएगा और संसाधनों का सदुपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि वे सरकार के सुधारों में सहयोग दें। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार सरकार के प्रमुख एजेंडे हैं। सरकार इन क्षेत्रों में तेजी से सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है। सुक्खू ने दोहराया कि प्रदेश के विकास के लिए सबका सहयोग जरूरी है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि सरकार की नीतियों से हिमाचल प्रदेश फिर से प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेगा।
