Kullu News: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले का मातला गांव भारी भूस्खलन की चपेट में है। पूरा गांव डेढ़ किलोमीटर लंबी दरारों से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। करीब 33 मकान पूरी तरह से टूट चुके हैं और 70 परिवार बेघर हो गए हैं। गांव का प्राचीन आदि ब्रह्मा मंदिर भी धंस रहा है, जिससे लोगों की आस्था खतरे में पड़ गई है।
ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोगों को अपने ही खेतों में तिरपाल के नीचे या पशुशालाओं में शरण लेनी पड़ रही है। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं ठंड और बारिश के बीच रहने को मजबूर हैं। उनके सामने भोजन और पीने के पानी की भी गंभीर समस्या है।
यह संकट अचानक आया। एक रात में ही गांव की जमीन में बड़ी-बड़ी दरारें फट गईं। ये दरारें हर दिन चौड़ी होती जा रही हैं। इससे पूरे इलाके के लिए नया खतरा पैदा हो गया है। लोगों को डर है कि अगर जल्द मदद नहीं मिली तो बड़ी तबाही हो सकती है।
गांव का ऐतिहासिक आदि ब्रह्मा मंदिर भी खतरे से अछूता नहीं है। मंदिर की नींव और आसपास की जमीन लगातार धंस रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यह मंदिर सैकड़ों सालों से उनकी आस्था का केंद्र रहा है। अब उन्हें डर है कि यह धार्मिक धरोहर मलबे में तब्दील हो जाएगी।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तत्काल राहत और पुनर्वास की मांग की है। वे चाहते हैं कि उन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर बसाया जाए। केवल मुआवजा या अस्थायी सहायता से अब काम नहीं चलेगा। उनकी मुख्य मांग स्थायी समाधान की है।
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन की यह घटना प्राकृतिक आपदा का एक गंभीर उदाहरण है। मातला गांव की तस्वीरें देखकर लोग सदमे में हैं। एक समय खुशहाल गांव अब तबाही की कगार पर पहुंच गया है। लोगों की जिंदगी बचाने के लिए त्वरित कार्रवाई की जरूरत है।
ग्रामीण अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ रहे हैं। वे सरकार और प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि वे उनकी मदद के लिए आगे आएं। उनका कहना है कि अब वक्त आ गया है जब भगवान और भक्त दोनों ही सुरक्षित नहीं हैं। जरूरत है कि इस ऐतिहासिक मंदिर और गांव को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
